पंजाब सरकार ने फसलों की कटाई के बाद होते नुकसान को कम करने के लिए नई तकनीकें विकसित और लागू करने हेतू कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी कीमत बढ़ाने के लिए खेतों और उद्योग स्तर पर उत्साहित करने के लिए भी तालमेल करेगी। इस संबंधी जानकारी देते हुए पंजाब के कृषि मंत्री जत्थेदार तोता सिंह ने बताया कि कमेटी केंद्रीय पोस्ट हार्वेस्ट इंजीनियरिंग तकनीकी संस्था पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना और गुरू अंगद देव वेटरनरी एंड एनीमल साईसिज़ यूनीवर्सिटी, लुधियाना द्वारा फसलों की कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करने के लिए विकसित की तकनीकों की जांच करेगी। इसके अतिरिक्त कमेटी इन तकनीकों को अपनाने और व्यापारिक प्रयोग के लिए कृषि और औद्योगिक स्तर पर कार्य करेगी। मंत्री ने बताया कि कमेटी इन तकनीकों की किसानों और उद्योगों के लिए प्रयोग को विश्वसनीय बनाने के लिए केंद्रीय पोस्ट हार्वेस्ट इंजीनियरिंग तकनीकी संस्था पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना और गुरू अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल सांइसिज यूनिवर्सिटी लुधियाना से संयुक्त तौर पर मिलकर कार्यक्रम चलायेगी। जिसके इन तकनीकों को लागू करने के लिए हुनर विकसित करने हेतू फूड प्रॉसेसिंग पोस्ट हार्वेस्ट मैनेज़मैंट कार्यक्रम बनाये जायेंगे।
मंत्री ने आगे कहा कि कमेटी द्वारा राज्य में एग्रो और फूड प्रॉसेसिंग कलस्टरों को विकसित करेगी जिसके तहत उत्पादन, प्रॉसेसिंग और व्यापारीकरण के लिए ढांचा विकसित करने हेतू उत्साहित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि कमेटी द्वारा राज्य में कृषि और बागवानी फसलों को काटने/तोडऩे के बाद होने वाले नुकसान को कम करने के लिए वैज्ञानिक वेयर हाउसिंग को उत्साहित किया जायेगा। कृषि मंत्री ने बताया कि सरकार द्वारा बनाई गई कमेटी में वित्तायुक्त विकास पंजाब चेयरमैन होंगे, जबकि पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना के उपकुलपति, गुरू अंगददेव वेटरनरी एंड एनिमल साईसिज लुधियाना के उपकुलपति, केंद्रीय पोस्ट हार्वेस्टिंग इंजीनियरिंग और तकनीकी संस्था के निदेशक, केंद्रीय कृषि विभाग के संयुक्त सचिव, फूड प्रॉसेसिंग इंडस्ट्रीज़ कार्पोरेशन के एम डी सदस्य कनवीनर होंगे। उन्होंने साथ ही बताया कि कमेटी अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए और सदस्य भी बना सकती है।