कृषि विभाग पंजाब द्वारा किसानों को डीएपी खाद के अनावश्यक प्रयोग रोकने के लिए किये प्रयत्नों के कारण इस वर्ष राज्य में पिछले वर्ष के मुकाबले डीएपी खाद के प्रयोग में भारी कमी हुई है जिस कारण राज्य के किसानों की 650 करोड़ रूपये की सीधी बचत हुई है।यह जानकारी जत्थेदार तोता सिंह, कृषि व प्रवासी भारतीय मामले मंत्री पंजाब ने आज स्थानीय किसान भवन में समूह जिलों के कृषि विभाग से संबधित फील्ड वर्क की समीक्षा करने के पश्चात दी।इस अवसर पर जत्थेदार तोता सिंह ने कहा कि ऐसे समय में कृ षि को अत्याधिक लाभदायक व्यवसाय बनाने के लिए कृषि लागत कीमतों में कटौती जरूरी है। उन्होने बताया कि संगठन न्यूट्रीशन मैनेजमैंट प्रोग्राम तहत धरती की उपजाऊ शक्ति बढ़ाने संबधी प्रयत्न किये जा रहे है। जिनके चलते इस वर्ष डीएपी खाद का अनावश्यक प्रयोग घटा है और राज्य के किसानों को बड़ा लाभ हुआ है ओर धरती की उपजाऊ शक्ति अतिरिक्त खाद के प्रयोग ना करने के कारण प्रभावित होने से बची है। उन्होने समूह अधिकारियों को अधिक से अधिक किसान जागरूकता प्रयत्न करने और उनको पंजाब कृषि विश्व विद्यालयक की सिफारिशों से जागरूक करवाने के लिए कहा।कृषि मंत्री ने बताया कि इस वर्ष धान , मक्की ,कपास अधीन बीजाई का रकबा बढ़ा है व बम्पर पैदावार होने की संभावना है।
उन्होने कहा कि पंजाब एक कृषि प्रधान राज्य है ओैर फसलों की बम्पर पेदावार किसानों व राज्य की आर्थिकता के लिए लाभदायक साबित होगी।कृषि मंत्री ने इस अवसर पर समूह अधिकारियों को निर्देश दिये कि पीएयू द्वारा सिफारिश किये बीजों की खरीद करने वाले किसानों को समय पर सबसिडी देना यकीनी बनाया जाए।इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव पंजाब स. निर्मल जीत सिंह कंलसी ने मार्किंट में उपलब्ध बीजों, खादों और कीटनाशकों के स्तर की परख के लिए समय समय पर भरे सैम्पलों मे से गैर स्तरीय सैम्पलों के डीलरों विरूद्ध बनती कार्यवाही में तेजी लाने के आदेश दिये ताकि ऐसी गैर स्तरीय वस्तुएं बेचने वाले डीलरों के लाईसैंस रदद किये जा सके। उन्होने कहा कि सैम्पलों की परख के लिए यदि तकनीकी अमले की कमी हो तो उनके रिक्त पड़े पदो को भारत सरकार के निर्देशों अनुसार फौरन पूरा करने के लिए कार्यवाही की जाए।इस अवसर पर श्री अनुराग वर्मा सचिव कृषि , स. जसबीर सिंह डायरेैक्टर और कृषि विभाग के उच्चाधिकारियों सहित राज्य के समूह जिलों के मुख्य कृषि अधिकारी उपस्थित थे।