पंजाब के कृषि मंत्री जत्थेदार तोता सिंह ने पंजाब में धान के बदल के रूप में की जा रही मक्की की फसल की 100 प्रतिशत खरीद न्यूनतम खरीद मूल्य पर यकीनी बनाने के लिए केन्द्र से मांग की है। उन्होने कहा कि पंजाब के किसानों को रिवायती फसली चक्र से बाहर निकालने के लिए ऐसा करना समय की मुख्य आवश्यकता है। इसके साथ ही उन्होने केन्द्र से मांग की है कि मक्की का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1815 रूपये प्रति किवटल तय किया जाए।जत्थेदार तोता सिंह ने कहा कि पंजाब में इस वर्ष दो लाख हैक्टेयर से अधिक मक्की की बिजाई की जा रही है जो पिछले साल से दुगुनी हेै उन्होने कहा कि अगर राज्य में राष्ट्रीय कृषि विभिंनता के कार्यक्रम को बढिय़ा ढंग से लागू करना है तो मक्की की 100 प्रतिशत खरीद को समर्थन मूल्य पर यकीनी बनाने के लिए केन्द्र से मुख्यमंत्री स. प्रकाश सिंह बादल की अध्यक्षता में यह मुददा बलपूर्वक उठाया जाएगा।मंत्री ने यह भी बताया कि पंजाब सरकार द्वारा राज्य में मक्की की कृषि उत्साहित करने के लिए जहां बीज 50 प्रतिशत सबसिडी पर दिये जा रहे है वहां दो मक्की सुखाने के दो प्लांट होशियारपुर व नवांशहर में 16 करोड़ की लागत से किसानों के लिए लगाए गये है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा राज्य में खादों कीटनाशकों व नीदननाशकों क ी गुणवत्ता को टैस्ट करने के लिए मोबाईल लैव स्थापित किये जाएगें ताकि जाली उत्पादों को नकेल डाली जा सके। इस संबधी स्वीकृति देते हुये कृषि मंत्री ने कहा कि मोबायल लैब मौके पर ही दुकानदारों व किसानों की मौजूदगी में सैंपल लेकर मौके पर ही जिससे दोनों को लाभ मिलेगा। इसके साथ ही उन्होंने बढिय़ा विश्व गुणात्मक लैबों का शीघ्र प्रंबंध करने के लिए कृषि विभाग के अधिकारी को कहा। जत्थेदार तोता सिंह ने इस साल मानसून कम रहने की संभावना के मद्देनजऱ किसी भी मुश्किल स्थिति का सामना करने के लिए हर जिले की पूरी विस्तार से रिपोर्ट तैयार करने के आदेश जारी किये।स अवसर पर कृषि विभाग के अधिकारियों ने मंत्री को बताया कि इस सीजन दौरान राज्य में दो लाख हैक्टेयर रकबे में धान की सीधी बीजाई की जा रही है जो गत वर्ष से 4 गुणा अधिक है। उन्होने साथ ही अधिकारियों को कहा कि आगामी सीजन में किसानों द्वारा धान की बीजी जा रही भिन्न भिन्ने किस्म के रकबे व संभावित उत्पादन की पूरी रिपोर्ट जिलाबार तैयार करके मुख्य कार्यालय को भेजी जाए ताकि सभी किस्मों के खरीद के पहले से ही प्रंबंध किये जा सके।
इस से पहले वित कमीशनर कम प्रमुख सचिव कृषि विभाग श्री सुरेश कुमार ने कहा कि हर जिले के आगाओं प्लान समय रहते मुख्य कार्यालय में पहुंचने को यकीनी बनाया जाए ताकि सरकार राज्य में कृषि विकास के लिए ठोस नीतिया बना सके। इस अवसर पर उन्होने जिला अधिकारियों को चेतावनी देते कहा कि कोई जाली रिपोर्ट मुख्य कार्यालय को ना भेजी जाए जिसके लिए बाद में उन्हें पछताना पड़े। इसके साथ ही उन्होने कहा कि सरकार द्वारा दी जाने वाली सबसिडीयां असल लाभपात्रियों को दी जाए यदि कोई जाली केस सामने आया तो संबंधित अधिकारी के विरूद्ध सख्त कार्यवाही होगी। उन्होने कहा शीघ्र ही उच्च अधिकारियों द्वारा जिलों के दौरे किये जाएगें व जिलों के समूचे रिकार्ड की चैकिंग की जाएगी। इसके अतिरिक्त टीमों द्वारा किसानों के खेतों में जाकर उनके साथ सीधा तालमेल बनाकर सरकार द्वारा मिलती सुविधाओं संबधी जानकारी ली जाएगी।इस अवसर पर अन्य के अधिकारी विभाग के अतिरिक्त सचिव स. दलजीत सिंह निदेशक डा. मंगल सिंह संधू,विभाग के अतिरिक्त निदेशक व समूह जिला मुख्य कृषि अधिकारी भी उपस्थित थे।