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कृषि देहाती आर्थिकता को अग्रिम पटरी पर ले जाने के जिए अह्म जोर

धान की पैदावार 2015 में 180 लाख मीट्रिक टन होने का रिकार्ड, गत् वर्ष से 9 प्रतिशत अधिक

	कृषि देहाती आर्थिकता को अग्रिम पटरी पर ले जाने के जिए अह्म जोर
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चंडीगढ़ , 30 Dec 2015

पंजाब के कृषि मंत्री जत्थेदार तोता सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की नेतृत्व वाली अकाली-भाजपा सरकार  प्राकृतिक स्त्रोतों  की सांभ संभाल के साथ-साथ कृषि को अग्रिम पटरी पर ले जाने के लिए अह्म जोर दे रही है। कृषि में फसली विभिन्नता एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। प्रेस कांफ्रैंस को स बोधन करते आज किसान भवन में पंजाब सरकार द्वारा वर्ष 2015 में पहले की तरह ही कृषि क्षेत्र को पहल देकर इसके विकास के लिए पूर्ण रूप से जोर दिया है। मौसल फसलों के पूरी तरह अनुकूल ना होने के बावजूद ही वर्ष 2014-15 दौरान राज्य में 2668 लाख टन कुल अनाज की पैदावार हुई है।  खरीफ 2015 दौरान धान की पैदावार लगभग 180 लाख टन हुई जोकि गत् वर्ष से 9 प्रतिशत अधिक है। इसमें बासमती की पैदावार 326 लाख टन हुई भाव यह पैदावार 2014 से कम है पर 2013-14 के मुकाबलेे में 40 प्रतिशत अधिक हुई है। गत्  दो वर्षों दौरान बासमती तहत रक्बा 2 लाख हैक्टेयर बढ़ा है जिससे जमीन दोज पानी की सतह का नीचे जाना घटा है। इसी प्रकार मक्की की फसल तहत भी पिछले दो वर्षों दौरान रक्बे में 22 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज की गई है। चालू वर्ष 2015-16 दौरान अनाज की कुल पैदावार 300 लाख मीट्रिक टन से भी अधिक होने की आशा है।

 उन्होंने कहा कि अनाजी फसलों के उत्पादन के साथ-साथ राज्य के बागबानी फसलों में भी बढिय़ा बढ़ोतरी दर्ज की है। पिछले दो वर्षें दौरान फलों और सब्जियों तहत 23200 हैक्टेयर रक्बा बढ़ा है जिस कारण बागबानी की उपज में 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की है। यहां यह भी वर्णनणीय है कि कुल फसल बिजाई रक्बे का केवल 36 प्रतिशत बागबानी फसलें होने के बावजूद राज्य की जी डी पी में बागबानी का योगदान 107 प्रतिशत है। मंत्री ने आगे कहा कि फसली विभिन्नता तहत बागबानी फसलों को उत्साहित करने के मंतव्य से सरकार  सात पैरी अर्बन कलस्टर संगरूर, होशियारपुर, पटियाला, जालंधर, फतेहगढ़ साहिब, लुधियाना और अमृतसर में स्थापित करने का निर्णय किया है। यह कलस्टर अपीडा के सहयोग से चलाया जाएगा। किसानों को केवल तकनीकी जानकारी ही नहीं मिलेगी बल्कि किसानों को उनकी सब्जियों के मंडीकरण में भी सहायता दी जाएगी। बागबानी क्षेत्र को ऊंचा उठाने के लिए एक पोस्ट ग्रेजूएट इंस्टीच्यूट ऑफ हार्टीकल्चर रिसर्च और एजूकेशन की स्थापना की जा रही है। भारत सरकार द्वारा इस संस्था की स्थापना पर 100 करोड़ रूपए खर्च करने की योजना है।

मंत्री ने कहा कि भारत सरकार के खाद्य संस्करण मंत्रालय  ने भी इस में अपना योगदान डालते हुए राज्य में एक मैगा फूड पार्क स्थापित करने की स्वीकृति दी है ताकि राज्य में खाद्य संस्करण को उत्साहित करके राज्य की फसलों के उत्पादन की अधिक मूल्य प्राप्ति से किसानों की आय में अधिक बढ़ोतरी की जा सके। भारत सरकार ने इस कार्य पर 100 करोड़ रूपए खर्च करने का निर्णय किया है।  वि ााग ने यह भी प्रबंध किए हैं कि होशियारपुर और अबोहर में मल्टी जूसिंग यूनिटों को लगातार चालू रखा जाए। इन मल्टी जूसिंग यूनिटों पर किनूं, टमाटर, अमरूद और अन्य फलों की प्रोसैसिंग की जाती है। जिससे किसानों को इन फलों की अच्छी कीमत मिल रही है।अन्य विवरण देते हुए मंत्री ने कहा कि सरकार का मु य लक्ष्य जमीन दोज पानी और भूमि जैसे बहुमूल्य प्राकृतिक स्त्रोतों की संभाल करते हुए राज्य के कृषि क्षेत्र के विकास में बढ़ोतरी को स्थिरता प्रदान करना है। इसके अतिरिक्त यह कोशिशें की गई हैं कि फसलों के झाड़ में बढ़ोतरी करके और कृषि खर्चें घटाकर किसानों की आय में बढ़ोतरी की जा सके।

किसानों के कृ़षि खर्चें कम करने के मंतव्य से सरकार द्वारा 1585 कृृषि मशीनरी सेवा केन्द्र  राज्य की सहकारी सभाओं द्वारा खोले गए हैं। सहकारी सभाओं को इस उद्धेश्य के लिए अति-आधुनिक मशीनरी उपदान पर मुहैया करवाई गई है। जोकि लघु व सीमांत किसानों को वाजिब किराए पर दी जाती है जिससे आम किसानों को महंगी मशीनरी का लाभ बिना अतिरिक्त खर्च किए प्राप्त हो जाता है।विभाग द्वारा बागबानी के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकें व सूचना किसानों तक पहुंचाने के लिए निबूं जाति के फलों का सैंटर ऑफ एक्सीलैंस खनौरा /होशियारपुर/, सब्जियां का सैंटर ऑफ एक्सीलैंस करतारपुर /जालंधर/, आलूओं का सैंटर ऑफ एक्सीलैंस डुगरी /जालंधर/ में स्थापित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त सब्जियां का एक सैंटर ऑफ एक्सीलैंस चडिक/मोगा/ में, फूलों का सैंटर ऑफ एक्सीलैंस दोहारा /लुधियाना/ में स्थापित किए जाएंगे। यह केनद्र किसानों को केवल तकनीकी सहायता ही नहीं देंगे बल्कि किसानों की पैदावार बढ़ाने में भी भरपूर सहायता करेंगे।

सरकार द्वारा टयूबवैलों के लिए नि:शुल्क बिजली देने की सुविधा वाला कदम किसानों की आमदन बढ़ाने वाला  प्रशंसनीय उद्यम है। वर्ष 2015-16 दौरान नि:शुल्क पावन सप्लाई पर संभावित 5000 करोड़ रूपए खर्च आएंगे तथा गत् पांच वर्षों में सरकार द्वारा इस कार्य के लिए 228188 करोड़   रूपए खर्चें हैं। गन्ने की फसल तहत 10 लाख हैक्टेयर रक्बा बरकरार रखने के लिए राज्य सरकार ने यह निर्णज्य लिया है कि किसानों को सरकार  द्वारा गन्ने की निर्धारित कीमत 295 रूपए प्रति क्िवटल की अदायगी समय सिर मिलनी यकीनी बनाई गई है।  इस कार्य के लिए राज्य द्वारा अपने खजाने में 50 रूपए प्रति क्विंटल किसानों को देने हेतू 750 लाख क्ंिवटल गन्ने की पिड़ाई के मद्देनज़र 600 करोड़ रूपए का उपबंध किया गया है। कपास नरमे के विकास के लिए कृषि विभाग द्वारा दो मु य कार्यक्रम तैयार किए गए हैं, जिनमें एक बठिडा में सैंटर ऑफ एक्सीलैंस स्थापित करना और दूसरा मलोट में काटन मैकानाईजेशन प्रोग्राम को आरंभ करना।  इन कार्यक्रमों द्वारा किसानों को नवीनतम कृषि तकनीकें प्रदान की जाएंगी और कपास की चुगाई के मशीनीकरन को यकीनी बनाकर किसानों को लेबर की समस्या से छुटकारा दिलाया जाएगा। भाव इस वर्ष कीड़ों के हमले कारण कपास पट्टी के किसानों को आर्थिक मार झेलनी पड़ी है। कीड़े का हमला पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात में बड़े स्तर पर हुआ है। पर पंजाब राज्य देश का पहल सूबा है जहां सरकार किसानों तक सबसे पहले मदद के लिए आगे आई है। विभाग द्वारा किसानों को केवल अपनी फसल बचाने के ढंग ही नहीं बताए गए बल्कि फसल की खराबी के लिए 6445 करोड़ रूपए मुआवजे के रूप मेें भी दिए गए। इसके अतिरिक्त सरकार ने फसल खराबी कारण जिन खेल मजदूरों के रोज़गार पर प्रभाव पड़ा है, को भी मुआवजे के रूप में 645 करोड़ रूपए देने का फेैसला किया है।

बढिय़ा कृषि इन्पुटस किसानों को मुहैया करवाने क ी उ मीद से 2015-16 के गत् 9 माह दौरान पहले जैसी अधिक महत्ता दी गई है। खादों के 2204 सै पल भरे गए जिनमें 116 सैंपल फेल पाए गए , इसी प्रकार कीटनाशक दवाइयों के 3562 सैंपल भरे जिनमें 143 फेल पाए गए। इससे इन कमजोर कृषि इन्पुटस रखने वाले अन्सरों विरूद्ध स त कारवाई करते हुए 98 लाईसेंस रद्द कर दिए गए हैं और 33 एफ आई आर दर्ज करवाई गई। राज्य सरकार ने ेभारत सरकार से फर्टीलाईज़र कंट्रोल आर्डर 1985 और इन्सैक्टी साईड एक्ट में संशोधन करवाकर एक ओर प्राप्ति की है जिसके फलस्वरूप अब कोई भी व्यक्ति कृषि की ग्रेजूऐशन के बिना खादों और कीड़ेमार दवाईयों का लाईसैंस प्राप्त नहीं कर सकेगा। राज्य सरकार पुराने चल रहे लाईसैंस की बारीकी से  पड़ताल करके  गलत अन्सरों के लाईसैंस भी खत्म करने का निर्णय किया है। इस के साथ असल लाभ कृषि के पढ़े-लिखे बेरोज़गारों को रोज़गार भी मिलेगा औरे किसानों को बढिय़ा कृषि इन्पुटस के साथ-साथ तकनीकी जानकारी भी मुहैया हो सकेगी।

 वर्ष 2015 दौरान सरकार ने खादों की उपलब्धता  भी समय पर करवाई है जैसे कि दिसंबर तक यूरिया 10,50,000 की मांग के विरूद्ध 11,22,000 मी: टन उपलब्ध और डी ए पी भी 4,50,00 की मांग के विरूद्ध अब तक 3,79,000 टन उपलब्ध करवाई जा चुकी है।चालू रबी के सीजन में विभाग द्वारा गेहं की 350 लाख हैक्टेयर की समय पर बिजाई  पर विशेष जोर दिया गया। पिछले वर्ष की 250 लाख टन के मुकाबले इस वर्श 168 लाख टन गेहूं की पैदावार होने की संभावना है। इस वर्ष तस्दीकशुदा बीज मुहैया करवाने के लिए नई पहलकदमी की गई। नई पालिसी तहत योगय पाए गए किसानों को गेहूं के बीज की सबसिडी सीधी उनके बैंक खातों में भेजी गई। गेहूं के तस्दीकशुदा बीज पर 1000 रूपए प्रति क्ंिवटल सबसिडी दी गई। लगभग  तीन लाख किसानों ने इस स्कीम का लाभ उठाया। बीज प्राप्त करने वाले 70 प्रतिशत लघु व सीमांत किसान हैं।राष्ट्रीय भूमि स्वास्थ्य कार्यक्रम की महत्ता के मद्देनज़र विभाग द्वारा अब तक 1,05,444 साईल हैल्थ कार्ड जारी करके खादों को संतुलित इस्तेमाल को उत्साहित किया गया।

जमीनदोष पानी और भूमि जैसे प्राकृतिक स्त्रोातों की संभाल पर सरकार द्वारा विशेष ध्यान दिया जा रहा है। विभाग द्वारा तुपका और फुहारा सिंचाई पर 80 उपदान दिया जा रहा है। गांवों में क युनिटी अंडरगराऊंउ पाईप लाईन बिछाने पर 90 प्रतिशत उपदान दिया जा रहा हैे जबकि पानी को स्टोर करने वाली डिगीयों के लिए सोलर पंप समेत माईक्रो इरीग्रेशन सिस्टम के लिए 75 प्रतिशत उपदान मुहैया करवाया जा रहा है।गत् कुछ वर्षों में मंडीकरण के मूलभूत ढांचे को मजबूत करने पर विशेश जोर दिया जा रहा है। पंजाब मंडीबोर्ड द्वारा 56 करोड़ रूपए की लागत से वातानुकूलित आधुनिक फल और सब्जियों की मंडी मोहाली में स्थापित की है। इसके अतिरिक्त 8करोड़ रूपए की लागत से लुधियाना में मच्छी मार्किट स्थापित की है। राज्य द्वारा किसानों की सुविधा के लिए 60244 किलोमीटर लिंक सड़कों का जाल बिछा कर 1821 फसल खरीद केनद्रों से जोड़ा है। इसके साथ साथ 2014-15 दौरान 13858 करोड़ रूपए की लागत से 8381 किलोमीटर लिंक सड़कों की मुर मत भी की है।वर्ष 2015-16 दौरान 7779 किलोमीटर लिंक सड़कें रिपेयर करने की योजना है जिसके लगभग 1200 करोड़ रूपए खर्चें जाएंगे।

अतिरिक्त मुख्य सचिव, कृषि श्री सुरेश कुमार ने कहा कि कृषि के मशीनीकरन को उत्साहित करनेे विशेषकर फसल कटाई के बाद इस्तेमाल की जाने वाली मशीनरी जिससे किसानों के कृषि के कार्य आसान हो जाते हैँ पर विशेश ध्यान दिया गया। इस तहत 2014-15 दौरान 25988 इ प्लीमेंटस उपदान पर मुहैया करवाए गए, सरकार द्वारा 666 करोड़ रूपए उपदान के रूप में दिए गए और वर्ष 2015-16दौरान 24555 मशीनें देने का प्रोग्राम है जिस पर 722 करोड़ रूपए स्थापित करने का कार्यक्रम तैयार किए हैं ताकि लघु व सीमांत किसानों को अति-आधुनिक मशीनरी किराए परी उपलब्ध हो सके और उनकी महंगी मशनरी पर आने वाला खर्चा घटाया जा सके।मंत्री ने बताया कि आत्म हत्याएं करने वाले किसानों के लिए भी  23-7-15 को एक पालिसी अस्तित्व में लाई गई है। जिस तहत इस प्रकार हादसा होने वालों परिवारों को दी जाने वाली सहायता की राशि दो लाख से तीन लाख कर दी गई है, यह पालिसी मुआवजे के अतिरिक्त प्रभावित परिवार की पूरी मदद करके उन्हें आर्थिक पक्ष से और सामाजिक पक्ष से भी सुदृढ़ करने के लिए कृषि, बागबानी, पशु पालन,  शिक्षा सामाजिक रक्षा और स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न स्कीमों तहत मदद दी जाएगी।

किसानो की सामाजिक सुरक्षा बढ़ाने के लिए विभाग ने मंडी बोर्ड के खरीद केन्द्रों में फसल बेचने वाले सभी जे फार्म प्राप्त करने वाले किसानों को पचास हजार का स्वास्थ्य बीमा और पांच लाख तक का निजी एक्सीडैंट बीमा की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। लगभग 11 लाख किसानो को  इस योजना का लाभ पहुंचने की संभावना है इस स्कीम पर सरकार द्वारा मंडी बोर्ड के जरिए 40 करोड़ के बीमे के प्रीमियम की अदायगी की जाएगी।इसके अतिरिक्त पंजाब सरकार द्वारा भारत सरकार राज्य के किसानों के लिए प्लाट आधारित फसल बीमा योजना लागू करने कहा सुझाव भेजा है। क्योकि मौजूदा फसल बीमा योजनाए जोकि गांव या ब्लाक को यूनिट मानकर मुआवजे का निर्णय होता है जोकि पंजाब के किसानों के लिए लाभकारी नही है इसके अतिरिक्त मौजूदा बीमा योजनाओ में कुल इनपुट कीमत और किसान का लाभ कवर नही किया गया इसलिए सरकार ने बीमा योजनाओं में नई धाराए दर्ज करके कुल लाभ के अनुसार किसानों को बीमा योजनाओं का लाभ देने के लिए भारत सरकार को कहा है।

मक्की की फसल के सरल मंडीकरण में किसानो की सहायता के लिए मक्की वाले एरिया में 24 टन की कपैस्टी वाले दो मक्की सुखाने वाले यूनिट और  16 टन की क्षमता वाले पांच मक्की सुखाने वाले यूनिट स्थापित किये गये है।अंत मे कृषि मंत्री ने बताया कि भारत सरकार द्वारा राज्य को रिकार्ड अन्न उत्पादन करके वर्ष 2013-14 दौरान कृषि करमन अवार्ड और कृषि लीडरशिप अवार्ड से नवाजा गया है। अब भी विभाग किसानो की इस संकट के समय हर प्रकार सहायता करेगा। उन्होने आगे कहा कि मुख्यमँत्री पंजाब द्वारा भारत सरकार के वित्त मंत्री को लिखा हेै कि पंजाब के किसानो को यकमुश्त कर्जा माफी दी जाए ताकि किसान अपना आर्थिक स्तर कायम रख सके सरकार यह भी प्रयत्न कर रही हेै कि आढतियों वाला दिये जाते कर्जे को भी कानून के दायरे में लाकर किसानो का पक्ष लिया जाए और मुजारों को भी जमीन की मलकीयत के हक दिलाये जा सके।

 

Tags: TOTA SINGH

 

 

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