पंजाब के कृषि मंत्री जत्थेदार तोता सिंह ने मौसम की मार अधीन आए और कर्जे के नीचे दबे किसानों को राहत देने के लिए केन्द्र से गेहूं पर 500 रूपये प्रति किंवटल बोनस देने की मांग की है आज यहां पत्रकार सम्मेलन दौरान बातचीत करते हुये उन्होने कहा कि 1967 से अब किसान की फसल का मूल्य केवल 16 प्रतिशत बढा है जबकि अन्य वस्तुओं में 100 से 250 प्रतिशत वृद्धि हुई है जिस कारण कृषि घाटे का सौदा बनती जा रही है। पंजाब के अन्नदाता की स्थिति के प्रति गंंभीर चिंता प्रकट करते हुये ेउन्होने कहा कि राज्य का किसान 35000 करोड रूपये का कर्जाई हो चुका है उन्होने कहा कि देश के अन्न भंडार क ो भरने के लिए राज्य के किसानने केमिकल खादो का प्रयोग किया जिसके निष्कर्ष के रूप में राज्य की धरती पर पानी जहरीला हो गया और पंजाब कैंसर जैसी भयानक बीमारियों की मार अधीन आ गया। उन्होने कहा कि देश का कल्याण करते हुये कर्जाई हुई कृषि को इस बडे संकट से निकालने के लिए केन्द्र द्वारा बंगाल,केरल आदि राज्यो के आधार पर पंजाब के किसानों को भी राहत देने की आवश्यकता है क्योकि पंजाब के पास कृषि के अतिरिक्त तेल ,कोयला, गैस और बंदरगाह आदि जेैसा अन्य कोई साधन नही है जत्थेदार तोता सिंह ने मांग की राज्य की मुख्य फसलें गेहूं और धान के मूल्य को सूचकांक से जोडा जाए और शीघ्र राहत के रूप में किसानो को गेहूं पर 500 रूपये प्रति किंवटल बोनस दिया जाए।
उन्होने पंजाब के सभी संसद सदस्यों को अपील की कि राज्य के किसानो की समस्याओं को हल करवानेके लिए पार्टी स्तर से उपर उठकर प्रधानमंत्री को संयुक्त रूप में मिले।अनाज भंडारण की समस्या के बारे में बात करते हुये मंत्री ने कहा कि केन्द्र को चाहिए कि वह पंजाब में खुले अनाज भंडारो की जगह शैँडों वाले गोदाम स्वयं या पब्लिक प्राइवेट पाटनरशिप द्वारा बनाए क्योकि खुल आसमान के नीचे पडा अनाज शीघ्र खराब हो जाता है उन्होने कहा कि राज्य में गेहूं को शीघ्र अति शीघ्र उठावाने का प्रंबध करे ताकि गेहंू की खरीद की खरीद में कोई समस्या न आए। दरियाओं को जोडने के प्रश्र के उत्तर में जत्थेदार तोता सिंह ने कहा कि पंजाब केपानी का स्तर पहले ही 100 फूट सेनीचे पहुंच गया है अब यदि दरियाओं को जोडा जाता है तो पंजाब की कृषि स्थिति और खराब हो जाएगी व पंजाब की धरती बंजर हो जाएगी इस लिए पंजाब सरकार दरियाओं को जोडने के अधिकार में नही है। कृषि मंत्री ने आशा प्रकट की कि मौसम के अनकूल होने के कारण इस बार गेहूं की रिकार्ड पैदावार होगी । उन्होनेकहा कि रबी के इस सीजन दौरान गेहूं का झाड 10 प्रतिशत अधिक होगा और 167 लाख मीट्रिक टन गेहूं की पैदावार होने की संभावना है उन्होने बताया कि बाजार में बी टी काटन के नकली बीज को रोकने के लिए कडे निदे्रश जारी किये गये है।
पंजाब के साढे बारह लाख एकड क्षेत्र पर कपास की बिजाई होने की सँभावना है और28 कंपनियों के साथ समझौताकरके बी टी काटन के 25 लाख बीज पैकटों का पं्रबध किया गया है उन्होने कहाकि40 प्रतिशत बीज मार्क फैंड 60 प्रतिशत बीज दुकानों द्वारा किसानों क ो उपलब्ध करवाया जाएगा नकली बीज को काबू करने के लिएचलाई मुहिम संबधी उन्हेोन बताया कि सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई गये बीज को बेचने वाले दुूकानदार को इस संबधी रिकार्ड रखना होगा और खरीददार किसान के हस्ताक्षर लेने जरूरी होगें। इस सब की रिपोर्ट बलाक स्तर के अधिकारी को भेजी जाएगी जो जिला हैडक्वाटर द्वारा मुख्य हैड क्वाटर को बीज बेचने की पूरी सूचना देगा केन्द्र सरकार को आडे हाथों लेते उन्होने कहा किकेन्द्र ने कपास के निर्यात पर रोक तब हटाई जब आम किसान अपनी कपास लगभग बेच चुका है जबकि केन्द्र को फ सल के तैयार होते समय यह रोक हटानी चाहिए थी।
उन्होने कहा कि धान की पौध को लगाने के लिए एक मई और धान को लगाने के लिए 10 जून से करने के लिए निर्देश दिये गये और इन निर्देशों की पूरी तरह पालना करने के लिए छापामार टीमे गठित कर दी गई है किसानों को फसली चक्कर से निकालने के लिएचलाई जा रही स्कीमों संबधी उन्होने बताया कि किसानों को फ सली चक्रर से निकालने के लिए चलाई जा रही योजनाओं संबधी उन्होने बताया कि किसानों को सहायक धंधों जैसे दूध उत्पादन के लिए भैंसो -गायों को रखने के लिए प्रति पशु पचास हजार रूपये पर पच्चीस प्रतिशत सबसिडी दी जाएगी उन्होने कहा कि इससे पानी कीबचत होगी और किसान खाद तैयार करके लाभ भी कमा सकेगें। उन्होने कहा कि गन्नेकी बिजाई के लिए मंहगे और ज्यादा बीज से निजात दिलाने के लिए हाई ब्रीड बीज तैयार किया गया है जो पहले के आठ किंवटल प्रति एकड बीज के मुकाबले केवल एक किंवटल प्रति एकड डालना पडेगा उन्होने बताया कि किसानों को ऋण मुक्त करने के लिए सहकारी सभाओं कोमजबूत किया जाएगा ताकि किसानों को टैक्टर सहित कृषि औजार आसानी से मिल सके और कम जमीन वाले किसान कृषि के लिए मंहगे मूल्य का टैक्टर औरऔजार खरीदने के लिए कर्जा न उठाये। इस अवसर पर विभाग के एफ सी डी जी एस संधू और डायरैक्टर डा. मंगल सिंह संधू आदि अधिकारी मौजूद थे।