अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि उत्पादन विभाग अटल डुल्लू ने नागरिक सचिवालय में किसान उत्पादक संगठनों की यूटी स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता की।बैठक में जम्मू और कश्मीर में एफपीओ के विकास और कामकाज पर गहन चर्चा हुई और एफपीओ द्वारा सामना की जाने वाली बाधाओं की पहचान भी की गई और उन्हें दूर करने के उपाय सुझाए गए। संबंधितों द्वारा यह सुनिश्चित करने हेतु विभिन्न सुझाव दिए गए कि एफपीओ अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से कार्य कर रहे हैं।
केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में एफपीओ की स्थिति की समीक्षा करते हुए, अटल डुल्लू ने कहा कि कुछ बाधाएं हैं जिन्हें योजना के सफल कार्यान्वयन के लिए हटाने की जरूरत है।उन्होंने कहा कि जागरूकता की कमी के कारण कई किसान एफपीओ बनाने के लाभों से अवगत नहीं हो सकते हैं। एक साथ काम करने और एफपीओ बनाने के फायदों के बारे में उनमें जागरूकता पैदा करने की जरूरत है। उन्होंने अधिकारियों को जिला स्तर पर एफपीओ के लिए सेमिनार/जागरूकता शिविरों के संबंध में गतिविधियों का कलैण्डर बनाने के निर्देश दिए।
बैठक में यह बताया गया कि कई किसानों में एफपीओ को प्रभावी ढंग से चलाने के लिए आवश्यक तकनीकी ज्ञान और कौशल की कमी हो सकती है और उन्हें अपने प्रबंधन और विपणन कौशल को विकसित करने के लिए प्रशिक्षण और सहायता प्रदान की जानी चाहिए।एसीएस ने कहा कि 10000 एफपीओ योजना के सफल कार्यान्वयन और जेके में छोटे और सीमांत किसानों की आय में सुधार के लिए इन बाधाओं को दूर करना महत्वपूर्ण होगा।
बैठक में बताया गया कि बैंक खाता खोलने के लिए आवश्यक केवाईसी दस्तावेजों के संबंध में संभावित एफपीओ के संवेदीकरण के लिए कदम उठाए जाने हैं। जिला स्तर पर बैंकरों और अग्रणी बैंकों के लिए कृषि क्षेत्र की क्रेडिट लिंक्ड योजनाओं और एफपीओ के वित्तपोषण के संबंध में जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रम ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने और छोटे लोगों और सीमांत किसानों के लिए ऋण तक पहुंच बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
प्रशिक्षण कार्यक्रमों में कृषि क्षेत्र के लिए विभिन्न क्रेडिट-लिंक्ड योजनाएं शामिल होंगी, जैसे कि किसान क्रेडिट कार्ड, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना और अन्य। बैंकरों को इन योजनाओं की पात्रता मानदंड, प्रलेखन आवश्यकताओं, ऋण प्रसंस्करण, संवितरण और निगरानी तथा वसूली तंत्र पर प्रशिक्षित किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि जिला स्तर पर बैंकर्स/लीड बैंकों के लिए जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएं और इस संबंध में प्रशिक्षण कलैण्डर बनाया जाए।