समेकित बाल विकास सेवाओं के अंतर्गत आज उपायुक्त डा0 ऋचा वर्मा की अध्यक्षता में उनके चैंबर में बैठक का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह कोविड-19 के चलते जिला में तमाम गर्भवती महिलाओं, धात्री महिलाओं तथा बच्चों को घर पर राशन की उपलब्धदता को सुनिश्चित करें।उन्होंने बताया कि जिला में इस वर्ष 30 सितम्बर तक 6 माह से 3 वर्ष के 14 हजार 889, 3 वर्ष से 6 वर्ष तक की आयु के 14 हजार 158 बच्चों जबकि 5 हजार 907 गर्भवती व धात्री महिलाओं को घर पर ही राशन उपलब्ध करवाया गया। इसी प्रकार शाललापूर्व शिक्षा कार्यक्रम के तहत बच्चों के शारीरिक बौद्धिक, भाषा एवं सामाजिक विकास हेतु उनके माता - पिता को घर पर ही व्हाटस ऐप पर आॅनलाईन माध्यम से बच्चों से सम्बंधित गतिविधियों को भी करवाया जा रहा है ताकि बच्चे निरंतर रूप से इन गतिविधियों से जुड़े रहें।उपायुक्त ने बताया कि जिला में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, विधवा पुनर्विवाह, मदर टेरेसा असहाय मातृ संबल योजना के अंतर्गत इस वर्ष माह अगस्त तक 37 लाख 63 हजार रूपए व्यय कर 734 लाभार्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान कर लाभान्वित किया गया है।इसके साथ ही बेटी है अनमोल योजना के तहत इस वर्ष 8 लाख 20 हजार रूप्ए व्यय कर 70 महिलाओं को लाभान्वित किया गया। बैठक में प्रतिरक्षण कार्यक्रम, स्वास्थ्य जांच, राजीव गांधी किशोरी सशक्तिकरण योजना-सबला, आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण कार्य की गति प्रदान करने पर भी विस्तार से चर्चा की गई।उन्होंने कहा कि सितम्बर माह पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है तथा विभाग विभिन्न प्रकार की गतिविधियां तथा जागरूकता कार्यक्रमों को विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर करना सुनिश्चित करें तथा कोविड-19 संक्रमण से बचाव बारे भी इस दौरान लोगों को जागरूक किया जाए। उन्हें फेस मास्क, स्वच्छता, हैंड सेनीटाईजिंग तथा एक मीटर की सामाजिक दूरी जैसी अहम जानकारी प्रदान की जाए। जिला में आंगनवाड़ी केन्द्रों में स्वच्छता किटटें वितरित की जाएं। इसके अतिरिक्त जिला में नए पैदा हुए सभी बच्चों का पंजीकरण सुनिश्चित किया जाए। इसकी नियमित रूप से मानीटरिंग की जाए तथा जो बच्चे रह गए हैं उनका आवश्यक रूप से पंजीकरण किया जाए।कोविड-19 के कारण शिक्षा विभाग की ओर से एमडीएम के तहत राशन के पैसें बच्चों के बैंक खातों में जमा करवाना सुनिश्चित किया जाए ।
बैठक में सशक्त महिला योजना, स्किल डिवलपमैंट तथा माईक्रो उद्यमिता विकास , स्वच्छता को लेकर भी विस्तार से चर्चा की गई। उपायुक्त ने सम्बंधित विभागों को जिला में अधिक से अधिक स्वयं सहायता समूह बनाने तथा उनकी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए कदम उठाने को कहा। उन्होंने कहा कि आचार-चटनी जैसे उत्पाद तैयार करने के अलावा स्वयं सहायता समूहों से गाय के गोबर का उपयोग करके दीवे इत्यादि बनाने जैसे कार्यों को प्राथमिकता प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए विभाग ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों भी प्रशिक्षण प्रदान करना सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी आयूष विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर योगा कार्यक्रम को आनलाईन शुरू करे ताकि इसका अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिल सके।इसके अतिरिक्त जिला बाल संरक्षण ईकाई से सम्बंधित गतिविधियों को लेकर भी समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि जिला कुल्लु में चल रहे बाल-बालिका गृहों में रह रहे बच्चों की उचित देखभाल तथा नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच को सुनिश्चित किया जाए। बैठक में बाल-बालिका सुरक्षा योजना पर भी विस्तार से विचार- विमर्श किया गया।इसके उपरांत एक अन्य चाईल्डलाईन सलाहकार बोर्ड की बैठक भी आयोजित की गई जिसमें कोविड-19 के दौरान चाईल्डलाईन की भूमिका पर चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि कोविड-19 के चलते जिला में आश्रयहीन बच्चों को चाईल्ड केयर संस्थान में ले जाने से पहले उनकी कोरोना जांच को सुनिश्चित किया जाए। बस अडडा, , सार्वजनिक स्थलों, स्कूलों , सरकारी कार्यालयों तथा पंचायती राज संस्थाओं में आश्रयहीन बच्चों की जानकारी /सूचना को लेकर बैनर्स तथा पोस्टरस चिपकाए जाएं तथा वितरित भी किए जाएं।इस अवसर पर एसडीएम सदर डा0 अमित गुलेरिया, परियोजना अधिकारी डीआरडीए सुरजीत सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी आईसीडीएस राज कुमारी, , एलडीएम तामा छेरिंग, महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र चीमे आर्यन, जिला पंचायत अधिकारी बिमला देवी, जिला संयोजक चाईल्डलाईन सलाहकार बोर्ड शालिनी के अतिरिक्त विभिन्न विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।