हिमाचल प्रदेश में वानर समस्या के समाधान की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के तहत प्राईमेट शोध केन्द्र कैलिफोर्निया से डा. ब्रांडा मकोवैन तथाडा. रौद अटविल का दो सदस्यीय विशेषज्ञ दल आजकल हिमाचल प्रदेश के दौरे पर है। दल ने हमीरपुर, गोपालपुर तथा शिमला में वानरों के व्यवहार तथा प्रदेश में इस दिशा में किए गए कार्यों का अध्ययन करने के उपरान्त आज वन मंत्री श्री ठाकुर सिंह भरमौरी से भेंट की।वन मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश का अग्रणी राज्य है, जहां इस समस्या के समाधान हेतु विश्व स्तरीय मानकों के अनुरूप व्यापक कदम उठाए जा रहे हैं।
भरमौरी ने कहा कि प्रदेश में 7 वानर नसबन्दी केन्द्रों के माध्यम से मई, 2014 के दूसरे सप्ताह तक 83 हजार से अधिक वानरों की नसबन्दी का कार्य पूरा किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश तथा कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय वानर पकड़ने की तकनीक, अन्य वानर प्रजनन रोधी तकनीकों, वानरों में तथा उनसे फैलने वाली बीमारियों की रोकथाम, कूड़ा प्रबन्धन तथा प्राईमेट पार्क जैसे विषयों पर आर्थिक तथा तकनीकी सहयोग करेंगे। उन्होंने विभाग को निर्देश दिए कि इस दिशा में विस्तृत योजना तैयार करें।वानरों की संख्या पर नियंत्रण हेतु वन विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों से प्रभावित डा. रौद ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्व का पहला ऐसा स्थान है, जहां इतने बड़े स्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के प्रयास किए जा रहे हैं, जो पूरे विश्व के लिए मार्गदर्शक हो सकते हैं।
प्रधान सचिव (वन) श्री तरूण श्रीधर ने कहा कि इस दिशा में शीघ्र एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया जाएगा।इस अवसर पर प्रधान मुख्य अरण्यपाल एवं हैड आफ फारेस्ट फोर्स, श्री आर.के.गुप्ता, मुख्य वाईल्ड लाईफ वार्डन एवं प्रधान मुख्य अरण्यपाल (वन्यप्राणी) डा. ललित मोहन, वन मण्डल अधिकारी (वन्यप्राणी) शिमला, श्री सतीश गुप्ता, टी.ए. टू पी.सी.सी.एफत्र वाईल्डलाईफ श्री एस.पी. धीमान तथा वन मण्डल अधिकारी प्रचार डा. ओमपाल शर्मा भी उपस्थित थे।