अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि उत्पादन विभाग अटल डुल्लू ने नागरिक सचिवालय में समग्र कृषि विकास योजना की प्रगति की समीक्षा हेतु प्रोजेक्ट ग्राउंडिंग और माॅनिटरिंग कमेटी की बैठक की अध्यक्षता की।बैठक में उपकुलपति स्कास्ट-के, कृषि उत्पादन विभाग के सचिव, मिशन निदेशक, समग्र कृषि विकास योजना, सभी प्रोजेक्ट ग्राउंडिंग और माॅनिटरिंग कमेटी के संबंधित अध्यक्ष, पीएमयू के सभी सदस्य और तकनीकी अधिकारी उपस्थित थे।
अधिकारियों को संबोधित करते हुए, एसीएस ने कहा कि यह योजना जम्मू-कश्मीर में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के परिवर्तनकारी और समग्र विकास के लिए एक मिशन है, जिसमें जम्मू-कश्मीर को स्थायी वाणिज्यिक कृषि-अर्थव्यवस्था में बदलने की क्षमता है। उन्होंने योजना के वांछित उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए मिशन मोड और समन्वित तरीके से काम करने के लिए अधिकारियों पर बल दिया।
महत्वाकांक्षी योजना के तहत प्रत्येक परियोजना पर चल रही प्रगति की समीक्षा करते हुए, अटल डुल्लू ने सदस्यों से सभी हितधारकों से परामर्श करने का आह्वान किया ताकि योजना में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के सभी पहलुओं को शामिल किया जा सके।एसीएस ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि एचएडीपी के तहत क्रियान्वित की जा रही सभी परियोजनाओं को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा किया जाए। उन्हें अवगत कराया गया कि सभी प्रारंभिक तैयारियां और हितधारकों के साथ परामर्श तेज हैं और निर्धारित समय सीमा के भीतर अक्षरषः लागू होने जा रहे हैं।
बैठक के दौरान जिन उप-परियोजनाओं पर चर्चा की गई, उनमें तिलहन को बढ़ावा देना, 300 एफपीओ का निर्माण, एकीकृत कृषि प्रणाली, वाणिज्यिक पुश्पकृशि, वर्षा आधारित क्षेत्र का विकास, 14 जिलों में जैविक समूहों की पहचान और 6 जिलों में जैविक क्षेत्र, वैकल्पिक कृषि प्रणाली आदि शामिल हैं। बैठक में मौजूदा एकीकृत कृषि प्रणाली के उन्नयन, कश्मीर संभाग के श्रीनगर, बडगाम, गांदरबल जिलों और जम्मू संभाग के जम्मू, उधमपुर जिलों में 54 नर्सरी इकाइयों के उन्नयन पर चर्चा हुई।
अधिकारियों ने बताया कि तिलहन के उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए उन्होंने तिलहनी फसलों के तहत अतिरिक्त 72,000 हेक्टेयर को कवर किया है। वाणिज्यिक पुश्पकृशि के संबंध में बताया गया कि कश्मीर और जम्मू संभाग में 4-5 कलस्टरों के साथ लैवेंडर की खेती पर 85 हेक्टेयर का क्षेत्र विस्तार किया गया है। महत्वाकांक्षी योजना के तहत पांच वर्ष में दूरस्थ क्षेत्रों के चयनित प्रखंडों में पंचायत स्तर पर 100 मिनी मृदा परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित की जायेगी।
योजना के तहत सबसे महत्वपूर्ण परियोजना के रूप में कृषि को बढ़ावा देने के लिए नवोन्मेषी विस्तार दृष्टिकोणों को करार देते हुए, उन्होंने नोडल साइबर एक्सटेंशन प्लेटफॉर्म-कम-मीटिंग रूम की सुविधा के साथ जम्मू-कश्मीर में 2000 भवनों के लिए स्थान की पहचान के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया।
यह बताया गया कि सुविधा वन स्टॉप शॉप (उर्वरक, कीटनाशक, बीज, आईसीटी के लिए लाइसेंसिंग) के रूप में काम करेगी। उन्होंने कहा कि ’किसान खिदमत घर’ की स्थापना से यहां के कृषि क्षेत्र में क्रांति आएगी।महत्वाकांक्षी योजना जम्मू और कश्मीर में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सुधार लाएगी, जिससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और किसानों और उपभोक्ताओं को समान रूप से लाभ होगा। उन्होंने कहा कि योजना के तहत हस्तक्षेप से क्षेत्र में उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार होगा।