साहित्य आजतक 2022 शुरू हो चुका है. शब्दों और सुरों के इस ग्रैंड मंच पर दूसरा दिन भी जानदार सेशन और बेहतरीन परफॉरमेंस से भरा रहा. शनिवार की शुरुआत हंस राज हंस के सूफियाना गीतों से हुई और दिन का अंत दिल्ली के बिस्मिल बैंड की परफॉरमेंस पर हुआ. बैंड की परफॉरमेंस सुन रहे लोग संगीत की धुन पर झूमते नजर आए.
साहित्य का महाकुंभ, साहित्य आजतक 2022 का रंग अपने शबाब पर पहुंच रहा है. दिल्ली की सर्दियों को खुशनुमा बना रहे इस जश्न का आनंद जनता खूब ले रही है. कोरोना और लॉकडाउन के कारण दो साल के ब्रेक के बाद लौटे इस इवेंट को साहित्य प्रेमियों का खूब प्यार मिल रहा है.
साहित्य और कला से जुड़ी बेहतरीन शख्सियतों को सुनने का मौका तो लोगों को मिल ही रहा है, साथ ही माहौल में भरपूर रंग बनाए रखने के लिए संगीत का भी जोरदार इंतजाम है. साहित्य आजतक 2022 का दूसरा दिन सूफी संगीत के नाम रहा. शनिवार को दिन में हंस रान हंस ने अपने सूफियाना सुरों से मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में समा बांधा और अपने गीतों से इवेंट में आए श्रोताओं की एनर्जी बढ़ा दी. दिन के अंत में जनता की एनर्जी को सूफियाना सुरों से चार्ज किया बिस्मिल बैंड ने.
बिस्मिल की महफिल
बिस्मिल बैंड ने साहित्य आजतक 2022 के लिए एक खास परफॉरमेंस दी और सूफी नगमों को अपनी आवाज से सजाने वाले नुसरत फतेह अली खान को अपने म्यूजिक से याद किया. परफॉरमेंस की शुरुआत 'किवें मुखड़े तों नजरां हटावां' से हुई और पहले ही गीत से माहौल में जैसे बिजलियां दौड़ने लगीं.
शनिवार दोपहर में हंस राज हंस ने 'मस्त कलंदर' गाने को सूफी गायकों का 'जन गण मन' कहा था, इसी गाने के साथ बिस्मिल की भी महफिल पूरी हुई. बीच में नुसरत साहब की आवाज मे में खूब पॉपुलर हुए 'तू माने या ना माने दिलदारा' और 'काली काली जुल्फों के फंदे' जैसे गीतों को बिस्मिल बैंड ने इलेक्ट्रॉनिका के साथ बेहतरीन अंदाज में पेश किया.
बिस्मिल बैंड का दिल्ली कनेक्शन
दिल्ली में चल रहे साहित्य आजतक 2022 में परफॉर्म करने आया बिस्मिल बैंड, दिल्ली का अपना बैंड कहा जा सकता है. बिस्मिल का मतलब होता है लवर या प्रेमी. और बिस्मिल बैंड 2014 में वैलेंटाइन्स डे पर बना था. ये एक मल्टी-जॉनर बैंड है यानी इनके गीत सिर्फ सूफी ही नहीं, पॉप और रॉक म्यूजिक पर भी होते हैं.
आसिफ खान बिस्मिल बैंड के लीड वोकलिस्ट हैं और उनके साथ ग्रुप में शोएब अहमद, सुमित सिंह इरफ़ान खान और वासु सिंगल भी हैं. साहित्य के महाकुंभ में अपने म्यूजिक से जनता को थिरकने पर मजबूर कर देने वाले बैंड बिस्मिल की महफिल आप इस वीडियो में एन्जॉय कर सकते हैं:
About Sahitya Aajtak
A confluence of various literature forms - poetry, prose, music and drama - the festival is a part of Aaj Tak’s endeavour to highlight the importance of art and literature in today’s era. The fest brings together a diverse mix of marquee writers, scholars, authors, musicians, actors, columnists, business leaders, poets and theatre artists, who have made their mark across audiences with their work over the years.
They will unite again on a single platform to express their views openly and engage in meaningful dialogues about the nature of art, culture and literature in the world, and the indelible imprint they leave on the minds and hearts of people.