कविताओं को संगीत में ढ़ालकर चिन्मयी त्रिपाठी और जॉयल मुखर्जी ने छायावादी से लेकर वीर सर तक की कविताओं में नई जान डाल दी है. उन्होंने कहा कि ऑरिजनल कंटेट ऑरिजनल होता है, कवर गाने से आप ऑडियंश तो पा सकते हैं लेकिन इसका कोई आस्तित्व नहीं है. इस दौरान म्यूजिक के साथ कविताएं सुनकर दर्शक झूम उठे.
नई दिल्ली के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में आयोजित 'साहित्य आजतक 2022' के मंच पर जानी मानी सिंगर एवं कंपोजर चिन्मयी त्रिपाठी और जोएल मुखर्जी ने अपनी आवाज से स्टेडियम को गुलजार कर दिया. इस दौरान उन्होंने कबीर के लिखे- कबीरा कुआं एक है और पानी भरे अनेक, बर्तन में भेद हैं, लेकिन पानी सबमें एक ... गाकर दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया.
चिन्मयी त्रिपाठी ने कहा कि ऑरिजनल कंटेट ऑरिजनल होता है, कवर गाने से आप ऑडियंस तो पा सकते हैं, लेकिन इसका कोई अस्तित्व नहीं है. बता दें कि चिन्मय और जोएल ने म्यूजिक के लिए 'म्यूजिक एंड पोएट्री स्टूडियो' नाम से प्रोजेक्ट शुरू किया है. साहित्य तक के मंच से 'कविता के सुर' सत्र की शुरुआत उन्होंने अपनी जर्नी बताने से की.
हमेशा नया करने की कोशिश
चिन्मयी त्रिपाठी ने कहा कि नए और मौलिक गाने वाले बहुत कम लोग हैं, लेकिन लोगों के बीच इनका अलग नाम है. इसलिए हम हमेशा नया करने की कोशिश करते हैं, जिसमें सब कुछ अपना और नया हो. से करने में समय लगता है, लेकिन यह करने लायक है और करना चाहिए. कुछ नया करने के बाद मन को शांति मिलती है. अपना गाने में सबसे ज्यादा संतुष्टि मिलती है.
महादेवी वर्मा की कविता से की शुरुआत
अपनी जर्नी के बारे में बताते हुए चिन्मयी ने कहा कि पहले उन्होंने छायावाद की कुछ कविताओं को गीतों में ढाला. इसके बाद कुछ वीर रस की कविताओं को भी गीतों की तरह कंपोज किया. चिन्मयी ने बताया कि शुरुआत महादेवी वर्मा की कविताओं से 'जाग तुझको दूर जाना' से की. साहित्यिक परिवार से आने के कारण उन्हें इसके लिए प्रेरणा मिली.
अपना फोकस क्लियर रखाना जरूरी
चिन्मयी त्रिपाठी ने कहा कि किसी भी आर्टिस्ट के लिए यह निर्णय लेना जरूरी है कि उन्हें क्या करना है. उन्होंने कहा कि आपको यह डिसाइड करना जरूरी है कि आप इंस्टाग्राम या सोशल मीडिया पर फॉलोवर बढ़ाना चाहते हैं या संगीत के क्षेत्र में लक्ष्य को पूरा करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि आप कवर संगीत से फॉलोवर तो बढ़ा सकते हैं, लेकिन जब तक अपना कुछ ऑरिजनल नहीं करते, तब तक आप अपनी सफलता या लोकप्रियता को लंबे समय तक जारी नहीं रख सकते.
अपने संगीत से दर्शकों का समां बांधा
चिन्मयी और जोएल ने कबीर के कबीरा कुआं एक है और पानी भरें अनेक, बर्तन में भेद हैं लेकिन पानी सबमें एक... सुनाकर दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया. इसके बाद उन्होंने हरिवंश राय बच्चन की कविता -जीवन की आपाधापी में, कब वक्त मिला... को भी संगीत के साथ सुनाया. विजय बहादुर सिंह की कविता-चल नदी सी चलती चल... गाकर चिन्मयी और जोएल ने प्रोग्राम का समापन किया.
About Sahitya Aajtak
A confluence of various literature forms - poetry, prose, music and drama - the festival is a part of Aaj Tak’s endeavour to highlight the importance of art and literature in today’s era. The fest brings together a diverse mix of marquee writers, scholars, authors, musicians, actors, columnists, business leaders, poets and theatre artists, who have made their mark across audiences with their work over the years.
They will unite again on a single platform to express their views openly and engage in meaningful dialogues about the nature of art, culture and literature in the world, and the indelible imprint they leave on the minds and hearts of people. '