अपने परिवारों को आर्थिक मंदहाली में से निकालने के लिए अपने घर,ज़मीनें गहने रख खाड़ी मुल्कों में मेहनत मज़दूरी के लिए गए लोगों की हर मुश्किल घड़ी में मदद करन वाले दुबई के प्रसिद्ध कारोबारी और सरभत का भला ट्रस्ट चैरिटेबल ट्रस्ट के सरप्रस्त डा.एस.पी. सिंह ओबराए के प्रयास से लुधियाना ज़िलो की जगरावां तहसील के गाँव रसूलपुर मल्ला के 22 साला अरबिन्दर सिंह पुत्र गुरमेल सिंह का मि्तक शरीर आज प्रातःकाल सुबह दुबई से श्री गुरु रामदास एयरपोर्ट राजासांसी,अमृतसर में पहुँचा।इस सम्बन्धित जानकारी देते सरभत का भला चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक डा.एस.पी.सिंह ओबराए ने बताया कि अरबिन्दर सिंह अपने परिवार के आर्थिक हालातों को सुधारने की कोशिश में कुछ समय पहले ही मेहनत मज़दूरी करन के लिए दुबई आया था।उन्होंने बताया कि पारिवारिक सदस्यों के बताए मुताबिक अरबिन्दर को दुबई ले कर जाने वाले एजेंट ने उसे करीब एक महीना कमरे अंदर ही बिठा छोड़ा था। और इसी दौरान ही दो अनये में से एक लड़का आबूधाबी चला गया था और एक वापस भारत लौट आया था। जिस उपरांत अरबिन्दर मानसिक दबाव नीचे आ गया और उस ने अपने घर भी फ़ोन करके बताया था कि उस का यहाँ साँस घुटता है और उसे दवा की ज़रूरत है।
जिस उपरांत मृतक के भाई ने एजेंट को फ़ोन करके उसे अरबिन्दर को दवा दिलाने के लिए कहा था। परन्तु एजेंट ने उस की सार नहीं ली। उन बताया कि जब वह ज़्यादा ही बीमार हो गया तो फिर उस के कमरो में रहने वाले उस के साथियों ने एजेंट को फ़ोन और उस की स्थिति बतायी तो एजेंट ने उसे हस्पताल में दाख़िल करवा दिया जहाँ करीब 4दिनों के बाद ही 28 जुलाई को उसकी मौत हो गई। उन बताया कि इस उपरांत पीड਼त परिवार ने समाज सेवीं गुरपिन्दर सिंह खालसा के द्वारा उन के साथ संपर्क कर कर अपनी बेबसी का हवाला देते मृतक देह भारत पहुँचाने में सहयोग करन के लिए कहा था। जिस उपरांत उन्हों ने भारतीय दूतावास के विशेष सहयोग सदका अपने निजी सचिव बलदीप सिंह चाहल की देखरेख में जल्द सारी अपेक्षित कागज़ी कार्यवाही मुकम्मल करवा कर अरबिन्दर सिंह के मृतक शरीर को आज प्रातःकाल सुबह सुबह भारत भेज कर उस के वारिसों को सौम्प दिया है।ज़िक्रयोग्य है कि डा. ओबराए के यतनों सदका अब तक 247 बदनसीब लोगों के मि्तक शरीर उन के वारिसों तक पहुँचा जा चुके हैं।हवाई अड्डे से मृतक शरीर लेने पहुँचे मृतक के पिता गुरमेल सिंह, भाई गुरदीप सिंह,लवप्रीत सिंह, प्रितपाल सिंह, भान सिंह, दर्शन सिंह आदि के इलावा दूसरे पारिवारिक सदस्यों ने उसकी मृतक देह ले कर आने के लिए बड़ा सहयोग करन पर डा.ऐस्स.पी.सिंघ ओबराए का तह दिल से शुकराना करते कहा कि उन की वजह से ही परिवार को अरबिन्दर सिंह के अंतिम दर्शन नसीब हो सके हैं।