आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने बजट सत्र के मद्देनजर विधान सभा के स्पीकर राणा के.पी. सिंह को मिल कर जहां बजट सत्र का समय कम से कम 25 दिन तक करने की मांग रखी वहीं राज्य में बेलगाम शराब माफिया को नकेल डालने के लिए ‘दा पंजाब स्टेट लीकर निगम बिल -2019’ पेश करने की इजाजत मांगी।विधान सभा परिसर में स्पीकर के साथ मुलाकात करने के उपरांत पार्टी के सीनियर नेता और विधायक अमन अरोड़ा, विधायक मनजीत सिंह बिलासपुर, कुलवंत सिंह पंडोरी, प्रवक्ता नील गर्ग और सतवीर वालीया ने बताया कि उन्होंने स्पीकर के पास तीन मुख्य मुद्दे उठाए। जिनमें दिल्ली और तामिलनाडु व अन्य राज्यों की तर्ज पर पंजाब में भी शराब निगम स्थापित के लिए बजट सत्र के दौरान आम आदमी पार्टी की ओर से अमन अरोड़ा द्वारा तैयार किए प्राईवेट बिल को सदन में पेश करने की इजाजत मांगना प्रमुख है। अमन अरोड़ा ने कहा कि आज एक तरफ पंजाब शराब की खप्त के लिए देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है, जबकि शराब से राजस्व केवल साढ़े 5 हजार करोड़ ही इक्कठा हो रहा है। उन्होंने दावा किया कि यदि शराब निगम को सही ढंग के साथ चलाया जाए तो करीब 12000 करोड़ राजस्व इक्कठा हो सकता है और रोजगार भी पैदा होगा। उन्होंने मिसाल दी कि तामिलनाडु करीब 29000 करोड़ रुपए शराब से इक्कठा करता है जबकि पंजाब की खप्त लगभग तामिलनाडु जितनी है। अरोड़ा ने कहा कि शराब माफिया और शराब फैक्टरियों के मालिक राज्यों में बड़े स्तर पर शराब तस्करी कर सरकारी खजाने को भारी चूना लगाते हैं।अमन अरोड़ा ने कहा कि निजी थर्मल प्लांटों के साथ पिछली बादल सरकार की तरफ से किए घातक बिजली खरीद समझौते (पीपीएज) रद्द करने सम्बन्धित इस बार फिर प्राईवेट मैंबर बिल ‘आप’ की तरफ से लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन घातक समझौतों के कारण जहां पंजाब में बिजली बेहद महंगी है, वहीं 25 सालों में सरकारी खजाने और लोगों पर 70 हजार करोड़ रुपए का फालतू और अनावश्यक वित्तीय बोझ पड़ रहा है। अमन अरोड़ा ने कोला वाश के लिए 4100 करोड़ के फालतू बोझ के बारे में भी सरकार को नालायक करार दिया। जिस कारण हाल ही दौरान 36 पैसे प्रति यूनिट बिजली महंगी की गई है।अमन अरोड़ा ने बताया कि इस तरह हितों के टकराव के बारे में भी प्राईवेट मैंबर बिल का खरड़ा स्पीकर को सौंपा। अरोड़ा ने ‘कनफ्लिक्ट आफ इंट्रस्ट’ पर लगाम कसने के लिए एक विशेष कमीशन गठित करने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि पिछली बादल सरकार की तरह कैप्टन की सरकार में मंत्री और अफसर अपने पदों का दुरुपयोग कर पंजाब और पंजाबियों को लूट रहे हैं। जिस को नकेल डालने के लिए ऐसा बिल और कमीशन जरूरी है।