पंजाब सरकार द्वारा श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व को मनाने के लिए साल भर चलने वाले समागमों की श्रृंखला के तौर पर श्री गुरु नानक देव जी के शान्ति, सद्भावना और मानवीय ख़ुशहाली के प्रसार की विचारधारा पर आधारित 2 दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्ऱेंस की शुरुआत सैंटर फॉर रिसर्च इन रुरल एंड इंडस्ट्रियल डिवैल्पमैंट (सी.आर.आर.आई.डी.), चंडीगढ़ में की गई। इस कॉन्फ्ऱेंस का आयोजन पंजाब सरकार और इंडियन काउंसल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च, नई दिल्ली के सहयोग से किया गया।इस कॉन्फ्ऱेंस के उद्घाटनी सैशन में भारत के पूर्व उप राष्ट्रपति, एम. हामिद अंसारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री, मुरली मनोहर जोशी, पंजाब के कैबिनेट मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी, दर्जन से अधिक विदेशी प्रतिनिधि, प्रसिद्ध बुद्धिजीवीयों, नीति निर्माताओं और सरकारी अधिकारियों जैसी प्रसिद्ध शख्शियतों ने शामिल होकर इस कॉन्फ्ऱेंस की शोभा बढ़ाई।कॉन्फ्ऱेंस के दौरान सामाजिक और राजनैतिक भेदभाव, आर्थिक शोषण, असमानता, घरेलू हिंसा और अत्याचारों के कारण फैली व्यापक बेचैनी और हिंसा में ग्रसित संसार में शान्ति, सद्भावना और ख़ुशहाली के प्रसार के लिए श्री गुरु नानक देव जी की विचारधारा को जि़ंदगी में अपनाने की ज़रूरत पर विचार-विमर्श किया गया।भारत के पूर्व उप राष्ट्रपति श्री एम. हामिद अंसारी ने अध्यक्षीय भाषण दिया। उन्होंने कहा कि आज कल समाज धार्मिकता और कट्टर राष्ट्रवाद की दोहरी चुनौती से जूझ रहा है, जिसने शान्ति, भाईचारक सांझ और मानवीय खुशियों को चौट पहुँचाई है। उनके मुताबिक मानवता को तभी बचाया जा सकता है यदि इन दोनों चुनौतियों को सभ्याचारिक नैतिक -मूल्यों पर आधारित आपसी सूझ-बूझ की भाषा से रोका जा सके और मानवीय अधिकारों को मान्यता देने वाले सभ्यक समाज को यकीनी बनाया सके।भारत सरकार के मानव संसाधन विकास के पूर्व मंत्री श्री मुरली मनोहर जोशी ने मूलमंत्र के जाप के साथ अपना भाषण शुरू किया और मौजूदा संसार में सख्त मेहनत, सांझ और एकता की भूमिका और इसके साथ शान्ति, सद्भावना और ख़ुशहाली के प्रसार संबंधी बात की। उन्होंने गुरू जी की शिक्षाओं के द्वारा सदाचार और दुराचार के बीच टकराव के हल सीखने का सुझाव दिया। उन्होंने श्री गुरु नानक देव जी के उपदेश के अनुसार वातावरण के सत्कार की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया।इससे पहले सी.आर.आर.आई.डी की गवर्निंग बॉडी के मैंबर श्री वी.के सिब्बल ने स्वागती भाषण दिया और सी.आर.आर.आई.डी के प्रो. सुच्चा सिंह गिल ने श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व को समर्पित अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्ऱेंस करवाने के उद्देश्य पर रौशनी डाली।उद्घाटनी सैशन के बाद विषय-वस्तु के आधार पर बाँटे उप- विषयों जैसे ‘रुहानियत’, ‘गुरू नानक के फलसफे में सिद्धांत और नैतिकता’, ‘गुरू नानक के फलसफे के शब्दों में अंतर -विश्वास सम्बन्धी संवाद’, ‘शान्ति की राह के तौर पर सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक समानता, ख़ुशहाली और आपसी सद्भावना’, ‘सिख परम्पराओं में लिंग के आधार पर समानता और समकालीन भारत में लिंग आधारित हिंसा’, ‘गुरू नानक जी की नजऱ में काम की महत्ता’ और गुरू नानक की शिक्षाओं में वातावरण की रक्षा की प्रासंगिकता आदि पर तकनीकी सैशन करवाया गया।इस कॉन्फ्ऱेंस का तकनीकी सैशन 8 नवंबर को आयोजित किया जायेगा। इस अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्ऱेंस को परिणामपूर्ण पड़ाव पर पहुँचाने के मौके पर भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स. मनमोहन सिंह, मुख्यमंत्री पंजाब कैप्टन अमरिन्दर सिंह समेत उनकी कैबिनेट के कई सदस्यों के शामिल होने की आशा है।