पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का मंगलवार रात यहां एम्स में निधन हो गया। वह 67 साल की थीं। पिछली मोदी सरकार में वह विदेश मंत्री रही थीं। मंगलवार को उन्हें हार्ट अटैक आने के बाद अस्पताल में भर्ती करवाया गया।ज्ञात हो कि साल 2016 में सुषमा स्वराज का किडनी प्रत्यारोपण हुआ था। खराब स्वास्थ्य की वजह से उन्होंने 2019 लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ा था।सुषमा स्वराज महज 25 बरस की उम्र में ही राजनीति मेंआईं थीं। लाल कृष्ण आडवाणी को सुषमा अपना राजनीतिक गुरु मानती थीं। सुषमा स्वराज एक प्रखर और ओजस्वी वक्ता, प्रभावी पार्लियामेंटेरियन और कुशल प्रशासक मानी जाती हैं। एक वक़्त था जब बीजेपी में अटल बिहारी वाजपेयी के बाद सुषमा और प्रमोद महाजन का नाम सबसे लोकप्रिय वक्ताओं में शुमार था।करीब 40 साल के सियासी करियर में वे 11 चुनाव लड़ीं, जिसमें तीन बार विधानसभा का चुनाव लड़ीं और जीतीं। इसके अलावा सुषमा स्वराज सात बार सांसद भी बनीं। साल 2014 से 2019 तक वह भारत की विदेश मंत्री रहीं। इंदिरा गांधी के बाद सुषमा स्वराज देश की दूसरी महिला विदेश मंत्री बनीं। बतौर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ट्विटर पर काफ़ी सक्रिय रहती थीं और विदेश में फँसे लोगों की मदद करने से लेकर लोगों के पासपोर्ट आदि से जुड़ी शिकायतों का तुरंत समाधान करती थीं।