शिक्षा को किसी भी समाज के विकास के लिए अनिवार्य बताते हुए राज्यपाल के सलाहकार खुर्शीद अहमद गनई ने आज कहा कि इस सम्बंध में जनजातीय और अन्य वंचित समुदायों पर विशेश ध्यान केन्द्रित करने की आवश्यकता है।सलाहकार ने जनजातीय मामले विभाग के कामकाज की समीक्षा हेतु इस विभाग के अधिकारियों के साथ आयोजित एक बैठक के दौरान कहा कि सरकार जनजातीय युवाओं के बीच षिक्षा को बढावा देने हेतु सभी प्रयास कर रही है ताकि उनकी सामाजिक आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।बैठक में एससीए से टीएसपी अनुच्छेद 275 (1) के तहत प्राप्त/उपयोग धनराषि के विवरण, कलस्टर माडल विलेजिज़ के कार्य की स्थिति, मिल्क विलेजिज, डेयरी इकाईयों़, ई-कलासरूम की स्थापना और षैल्टर षैडों के निर्माण, एकलव्य माडल रेजीडेंषियल स्कूल अनंतनाग और कुलगाम में अकादमिक गतिविधिया षुरू करने, जनजातीय षोध संस्थानों को जनजातीय भवन की स्थापना सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।सचिव जनजातीय विभाग अब्दुल मजीद भट्ट, निदेषक जनजातीय मामले डॉ मुष्ताक अहमद, विषेश सचिव जनजातीय मामले मोहम्मद षरीफ, गुज्जर सलाहकार बोर्ड के सचिव मुख्तार अहमद चौधरी, निदेषक वित्त जनजातीय मामले और सम्बंधित विभागों के अन्य अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
बैठक में विभिन्न चल रही परियोजनाओं के लिए अनुच्छेद 275 (1) के तहत धनराशि पर विस्तृत चर्चा की गई, जिनमें जनजातीय छात्रावास, जलापूर्ति योजनाएं, कौशल विकास कार्यक्रम, अन्य विकास परियाजनाएं शामिल है जो जनजातीयों के कल्याण और विकास के लिए वर्तमान वित्त वर्श में निश्पादित की जानी है।बैठक में बताया गया कि भारत सरकार ने वर्श 2018-19 के लिए एससीए से टीएसएस और भारतीय संविधान अनुच्छेद 275 (1) के तहत 5801.59 लाख रु जारी किये है। वर्श 2018-19 के दौरान जनजातीय मामले मंत्रालय द्वारा राज्य के लिए 16 नये कलस्टर ट्राईबल मॉडल विलेज और 5 नये मिल्क विलेज मंजूर किये गये हैं।स्वास्थ्य क्षेत्र के अंतर्गत, यह बताया गया कि बारामूला में रफीयाबाद और राजौरी में पंजनारा में पीएचसी/सीएचसी का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसके अतिरिक्त बताया गया कि कृशि गतिविधियों के कार्यान्वयन हेतु कृशि विभाग को 60 लाख रु जारी किये गये है।सलाहकार ने कहा कि जनजातीय मामले विभाग को उधार राशि उपलब्ध करवाई जा रही है ताकि अनुसूचित जनजातीयों के अलावा वंचित लोगों का उत्थान सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने राज्य के विभिन्न छात्रावासों में छात्रों को दी जा रही सुविधाओं के नवीनीकरण और उन्नयन के निर्देश दिये। उन्होंने निद्रेशसक जनजातीय मामलों को जनजातीय विकास परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने के लिए व्यक्तिगत रूप से क्षेत्रीय दौरे करने के निर्देश भी दिये। वर्श 2018-19 के लिए केन्द्र सरकार ने गुरेज, कोटरंका और लेह में 1600 लाख रु की लागत से तीन नये ईएमआरएस के लिए मंजूरी दी है।बैठक में गद्दी और सिप्पी सहित जनजातीय समुदायों के छात्रों के लिए पोस्ट और प्री मैट्रिक छात्रवृति पर भी चर्चा की गई।इसके अतिरिक्त सलाहकार ने जनजातीय मामले विभाग से सभी अनुसूचित जनजातीयों के लिए छात्रवृति हेतु अभिभावकों की वार्शिक आय सीमा बढाने के लिए एक प्रस्ताप पेश करने के लिए कहा।