शिरोमणि अकाली दल ने तरनतारन के बाजार में दो दर्जन के करीब गुंडे अनसरो द्वारा शरेआम की गुंडागर्दी में 67 दुकानों की तोड़फोड़ ,लड़कियों के साथ छेड़खानी और बदसलुकी करने और राहगीरों के साथ मारपीट करने की घटना मे आज 3 दिन बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई ना करने के बदले मे डी एस पी ,एस एच् ओ और ऐ एस आई को तुरंत ससपेंड करने की मांग की है और साथ ही शरेआम हुई गुंडागर्दी में हल्का विधायक और उसके परिवारिक मेम्बरों की भूमिका बदले उनके खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की।है ।प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए शिरोमणि अकाली दल बादल के प्रवक्ता और तरनतारन के प्रधान विरसा सिंह वल्टोहा ,पूर्व विधायक हरमीत सिंह संधू ,और पूर्व विधायक रविन्द्र सिंह ब्रह्मपुरा ने सांझे तौर पर आरोप लगते हुए कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार चुनावी वायदों से पूरी तरह भाग रही है ।कानूनी व्यवस्था भी बुरी तरह लड़खड़ा गई है ।राज्य में अमन कानून व्यवस्था दिन प्रतिदिन बिगड़ रही है।उन्होंने ने कहा कि दो दर्जन के करीब गुंडों द्वारा तरनतारन के बाजारों में शरेआम तोड़फोड़ करने ,राहगीरों को पीटना औऱ लड़कियों के साथ बदसलूकी और छेड़छाड़ और करीब पौने घण्टे तक गुंडागर्दी के किये गए नंगे नाच को।घटना पर पर पुलिस द्वाराकोई भी कार्रवाई ना करने पर यह साबित कर दिया है ।यह कार्रवाई सत्ताधारी पार्टी को शह पर हुई है ।उन्होंने ने कहा कि ए एस आई निर्मल सिंह को शिकायत करने पहुंचे दुकानदारों को उसने स्पष्ट कह दिया कि जब तक एस एच् ओ नही कहता कि मौके पर नही जाना यह साबित करता है कि सब कुछ इशारे पर हुआ है ।वल्टोहा और संधू ने कहा कि एस एस पी की।शकी भूमिका ने इस बात का संकेत दिया है कि एस एस पी की।शक्की भूमिका ने इस बात का संकेत दिया है कि यह सत्ताधारी पक्ष जे विधायक के आदेशों के तहत ही लोगों में खौफ पर दहशत पैदा करने के लिए यह कार्रवाई की गई है ।ऐसी घटनाओं से पंजाब में अमन कानून वव्यवस्था बिगड़ रही है।वल्टोहा और संधू ने मांग की कि ड्यूटी के प्रति जान बूझकर ड्यूटी के प्रति लापरवाही के लिए डी एस पी ,एस एच ओ और ऐ एस आई निर्मल सिंह का तुरंत तबादला किया जाए और हल्का विधायक पर गुंडागर्दी फैलाने वाले के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए।यदि जल्द कोई कार्रवाई ना हुई तो जल्द ही अकाली दल इसके खिलाफ संघर्ष छेड़ेगा।इस मौके पर मनोज कुमार टिम्मा शहरी प्रधान ,कौंसलर सरबजीत सिंह साबी ,सरबिंदर सिंह भरोवाल ,बलजीत सिंह गिल और प्रो सरचांद सिंह हाजिर थे।