निवर्तमान मुख्यमंत्री ओमन चांडी के चेहरे पर हमेशा मुस्कुराहट छाई रहती थी। लेकिन आजकल वह उदासी में घिर गए हैं। वह अपने चेहरे की मुस्कुराहट बरकरार रखने की कोशिश कर रहे हैं। चांडी ने कांग्रेसनीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) की सरकार का पिछले पांच सालों तक नेतृत्व किया है। लेकिन इस बार उनका गठबंधन राज्य विधानसभा चुनाव हार गया और केरल में लगातार दो बार सत्ता में आकर इतिहास रचने से वह चूक गए। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने 16 मई को हुए मतदान में जबरदस्त जीत हासिल की और 140 सदस्यीय विधानसभा में 91 सीटें जीतने में कामयाब रही। इसके साथ ही चांडी के नेतृत्व में 2011 से सरकार चला रहा कांग्रेसनीत यूडीएफ गठबंधन सत्ता से बाहर हो गया।
चांडी अब सरकारी आवास छोड़कर राज्य की राजधानी स्थित अपने घर चल गए हैं। चांडी ने आईएएनएस से स्वीकार किया कि उन्हें ऐसी प्रतिक्रिया की उम्मीद नहीं थी। उदास चांडी ने कहा, "हमने कभी ऐसे प्रदर्शन की उम्मीद नहीं की थी। हमें उम्मीद थी कि विभिन्न स्थानों से हमें काफी समर्थन मिलेगा।"चांडी ने राज्य विधानसभा में नेता विपक्ष का पद लेने से मना कर दिया है। चांडी ने कहा, "मैं नेता था और हम हार गए। तो अब मैं फिर कैसे नेतृत्व कर सकता हूं।"चांडी के निकटतम सहयोगी हालांकि उन्हें इस पद के लिए मनाने में जुटे हैं। कांग्रेस की प्रदेश इकाई राष्ट्रीय नेतृत्व के आने का इंतजार कर रही है, जो जीते विधायकों से विचार-विमर्श कर नेता प्रतिपक्ष के पद का निर्णय लेंगे।