हिमाचल प्रदेश में 16 दिवसीय वार्षिक मणिमहेश झील की तीर्थयात्रा शनिवार को शुरू हो गई। एक अधिकारी ने कहा कि अधिकारियों को इस साल इस तीर्थयात्रा में 500,000 से अधिक श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है। मणिमहेश को जम्मू एवं कश्मीर में स्थित पवित्र धाम अमरनाथ गुफा की तरह ही भगवान शिव और माता पार्वती का निवास स्थान माना जाता है। हर साल यह यात्रा जन्माष्टमी से शुरू होती है।तीर्थयात्रा के साथ जुड़े एक सरकारी अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "मणिमहेश झील में पवित्र स्नान के लिए तीर्थयात्रियों का पहला आधिकारिक जत्था शनिवार सुबह रवाना हो गया। इस साल हमें इस तीर्थयात्रा में 500,000 से अधिक श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है।"
हर साल यह यात्रा 21 सितम्बर को राधाअष्टमी के दिन झील में पवित्र स्नान से समाप्त होती है। इस स्थल की यात्रा हड़सर से शुरू होती है, जो कि समुद्र तल से 13,500 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। इसके लिए हड़सर से 13 किलोमीटर की कठिन चढ़ाई पार करनी पड़ती है।राज्य सरकार ने तीर्थयात्रा के दौरान लोगों को लाने के लिए दो निजी हेली -टैक्सी ऑपरेटरों को अनुमति दी है। कैलाश पर्वत को एक अजय शिखर माना जाता है। ऐसा कहा गया है कि कुछ लोगों ने इस पर चढ़ने की कोशिश की, लेकिन वे वापस नहीं लौटे।