सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने मंगलवार को कहा कि स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव की सोमवार आधी रात हुई गिरफ्तारी दिल्ली पुलिस की 'तानाशाही प्रवृत्ति' को दर्शाती है। उन्होंने दिल्ली पुलिस पर नरेंद्र मोदी सरकार के इशारों पर काम करने का आरोप लगाया और योगेंद्र की गिरफ्तारी को न्यायालय में चुनौती देने की बात कही।प्रशांत के अनुसार, योगेंद्र और करीब 100-150 लोग सोमवार रात राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जंतर-मंतर पर शांतिपूर्वक धरना दे रहे थे। उसी दौरान पुलिस ने उन्हें अपना धरना खत्म करने के लिए कहा।
प्रशांत ने कहा, "योगेंद्र यादव ने उन्हें (पुलिस) बताया कि धरना शांतिपूर्ण है, लेकिन उन्होंने एक नहीं सुनी। पुलिस ने मंच गिरा दिया और प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया।"उन्होंने कहा, "इससे दिल्ली पुलिस की तानाशाही प्रवृत्ति झलकती है। इससे यह भी दिखता है कि वे शीर्ष राजनीतिक आकाओं के हुक्म मान रहे हैं।"योगेंद्र साथी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर भूमि विधेयक और फसलों के नुकसान से प्रभावित किसानों के लिए उचित मुआवजे की मांग कर रहे थे।