नरेंद्र मोदी सरकार को कॉरपोरेट समर्थक बताते हुए कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने शुक्रवार को केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों की जमकर आलोचना की, जिनके कारण देश में असमानता बढ़ रही है। दीपेंद्र ने यहां पर एक कार्यक्रम के दौरान कहा, "मोदी सरकार द्वारा अपनाई गई आर्थिक नीतियां देश को खतरे की ओर ले जा रही हैं। एक ओर जहां सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स में कमी कर कॉरपोरेटों को 2.50 लाख करोड़ का लाभ पहुंचाया है, वहीं दूसरी ओर इसने हमारी आर्थिक स्थिति की परवाह किए बगैर अप्रत्यक्ष करों को बढ़ा दिया है जिसे हम सभी संयुक्त रूप से भुगत रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "मोदी सरकार ने सामाजिक सुरक्षा योजनाओं और ग्रामीण विकास योजनाओं के तहत जारी आवंटन में कटौती करने से पहले दो बार भी नहीं सोचा।"हरियाणा के रोहतक से सांसद दीपेंद्र ने कहा, "हमारे वित्तमंत्री का कहना है कि मध्य वर्ग अपना इंतजाम खुद कर सकता है, सड़क परिवहन मंत्री का कहना है कि किसान अपना इंतजाम खुद कर सकता है। अगर इन दो वर्ग के लोग अपना इंतजाम खुद कर सकते हैं तो यह सरकार कॉरपोरेट के लिए इंतजाम करने में क्यों लगी है।"
भारत के लिए असमानता को सबसे बड़ी चुनौती बताते हुए हुड्डा ने कहा, "इससे बड़ी विडंबना क्या होगी कि हमारी 60 फीसदी जनसंख्या जो कि खेती पर निर्भर हैं, देश की जीडीपी में उनकी 17 फीसदी हिस्सेदारी है। वहीं देश के 60 सबसे धनी लोगों के पास देश के कुल धन की 17 फीसदी हिस्सेदारी है।"हुड्डा ने कहा कि मोदी सरकार के देश की विकास दर के संबंध में ऊंचे-ऊंचे आंकड़े गलत हैं। उन्होंने कहा, "यह सरकार भारत द्वारा पिछले एक साल में हासिल की गई विकास दर के बारे में ढिंढोरा पीटती रहती है, लेकिन सरकार आपसे यह सच छिपा रही है कि खेती की विकास दर पिछले 20 सालों के निचले स्तर पर पहुंच गई है।"हुड्डा ने कहा, "यहां तक कि ग्रामीण इलाकों में मोटरसाइकिल और ट्रैक्टर की खरीद में भारी गिरावट दर्ज की गई, जो इस बात का संकेत है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था संकट से जूझ रही है।"