मॉडल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के सहयोग से स्कीम इंडिया और फिक्की फ्लो द्वारा एक भव्य उत्सव-’उदय स्टार्टअप फेस्टिवल’ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में उपराज्यपाल के सलाहकार राजीव राय भटनागर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
इस अवसर पर सलाहकार ने जम्मू-कश्मीर में जड़ें रखने वाले चार प्रमुख तकनीकी स्टार्टअप को स्टार्टअप पुरस्कार भी प्रदान किए, जिनमें ब्वत्वअमतण्ंप के संस्थापक अंकुश सभरवाल, ।।त्ज्ञ ग्लोबल के संस्थापक अमित काचरू, विसवेरो के संस्थापक अरविंद हांडू और पॉइंटरज़ की संस्थापक नीतू राजदान षामिल हैं। इन सभी स्टार्टअप्स की जम्मू में स्थानीय उपस्थिति है और ये क्षेत्र में स्थायी रोजगार पैदा करने में मदद कर रहे हैं।
इस कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर में स्टार्ट-अप और उद्यमिता को बढ़ावा देने के संबंध में क्षेत्र के प्रतिष्ठित दिग्गजों द्वारा एक उच्च स्तरीय पैनल चर्चा भी की गई।पैनल चर्चा में कर्नाटक सरकार के वन बल के पूर्व प्रमुख और बैंबू सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पुनाती श्रीधर, निदेशक उद्योग एवं वाणिज्य, जम्मू, डॉ. अरुण कुमार मन्हास, प्रबंध निदेशक, जेकेटीपीओ खालिद जहांगीर, आईईडीएस संयुक्त निदेशक, एमएसएमई विभाग भारत के, जी. वेल्लादुरै, अध्यक्ष, जम्मू और कश्मीर डेयरी सहकारी संघ लिमिटेड, विक्रांत डोगरा और एमडी, स्कीम इंडिया, निखिल गौड़ा ने भाग लिया।
सत्र का संचालन एमआईईटी के निदेशक डॉ. अंकुर गुप्ता ने किया।इस आयोजन के क्रम में, स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए अलग से एक स्टार्टअप आइडिया प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। विचार प्रतियोगिता के विजेताओं को सलाहकार भटनागर द्वारा नकद पुरस्कार और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
स्कूल स्तर के पांच विजेताओं, जिनमें एम.वी. इंटरनेशनल सांबा से विक्रांत, एयरफोर्स स्कूल से अर्जुनवीर सिंह, हेरिटेज स्कूल से वीरेन जैन, मॉडल अकादमी से तारुषी और हिमांगी शर्मा और मॉडल अकादमी से अरमान गुप्ता शामिल हैं, को प्रत्येक 51,000 रुपये का नकद पुरस्कार मिला।
कॉलेज स्तर से, एमआईईटी से फरहीन, डोगरा लॉ कॉलेज से खुशी गुप्ता, एमआईईटी से अनन्या चैधरी, गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल मंत्रीग्राम कश्मीर से शाहिद आशिक शाह और बॉयज हायर सेकेंडरी स्कूल श्रीनगर से आयान सोफी को उनके संबंधित विचारों में निवेश हेतु प्रत्येक 21,000 रुपये का नकद पुरस्कार औरएक आशय पत्र मिला।प्रतियोगिता में पूरे जम्मू-कश्मीर से 1800 से अधिक प्रविष्टियाँ प्राप्त हुईं और एक प्रतिष्ठित जूरी द्वारा उनका मूल्यांकन किया गया।