नागरिक-केंद्रित और परेशानी मुक्त पंजीकरण को बढ़ावा देने हेतु, पंजीकरण विभाग द्वारा किए गए डिजिटल हस्तक्षेप की सराहना करते हुए राजस्व सचिव डॉ. पीयूष सिंगला ने विभाग से न्यूनतम मानव इंटरफेस के साथ नागरिकों को वितरण सेवा सुनिश्चित करने हेतु अन्य राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने के लिए कहा है।
पंजीकरण विभाग की पहली समीक्षा बैठक में बोलते हुए, सचिव राजस्व ने एनजीडीआरएस आवेदन के विकास, क्षमता और वृद्धि के मुद्दों के अलावा इसके कार्यान्वयन, रखरखाव और विकास के लिए केंद्रीय स्तर पर पेशेवरों की एक मजबूत तकनीकी सहायता प्रणाली स्थापित करने के महत्व पर बल दिया।
उन्होंने एसडीयू, एनआईसी पुणे के परामर्श से जिला मुख्यालयों पर एनआईसी के डीआईओ को शामिल करने का आह्वान किया, जो आवश्यकता के अनुसार जिला मुख्यालयों/उपमंडल स्तर पर उप-पंजीयकों के स्थानीय मुद्दों को हल करने में सहायक हो सकते हैं।
डॉ. सिंगला ने पंजीकरण परिदृश्य और पंजीकरण विभाग द्वारा लागू की जा रही नई पहलों की व्यापक समीक्षा की। आईजीआर जम्मू-कश्मीर, एआईजीआरके/जे, राजस्व विभाग के अधिकारी, जिला पंजीयक और उप पंजीयक व्यक्तिगत रूप से और वीडियो कांफ्रैन्स के माध्यम से बैठक में शामिल हुए।
बैठक में स्लॉट बुकिंग से लेकर एनजीडीआरएस पोर्टल पर दस्तावेज की स्वीकृति तक दस्तावेज पंजीकरण के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में बताया गया कि सभी 86 उप पंजीयक कार्यालयों में दस्तावेजों का पंजीकरण एनजीडीआरएस पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन किया जाता है।
विभाग में शुरू किए गए सुधारों जैसे स्लॉट की ऑनलाइन बुकिंग, दस्तावेज प्रस्तुत/अपलोड करना, स्टाम्प शुल्क और पंजीकरण शुल्क का ऑनलाइन भुगतान, दस्तावेजों की चेकलिस्ट को वस्तुओं/लिखतों के साथ जोड़ना, पैन सत्यापन, एसएमएस अलर्ट, रैपिड असेसमेंट सिस्टम आदि ने न केवल दस्तावेज पंजीकरण में पारदर्शिता को बढ़ावा दिया है बल्कि पंजीकरण में प्रतीक्षा अवधि, अवैध बुकिंग के दायरे को समाप्त कर दिया।
इसके परिणामस्वरूप पंजीकरण और राजस्व संग्रह में भी भारी वृद्धि हुई है। डॉ. सिंगला ने विभाग को एक संस्थागत व्यवस्था करने के लिए कहा, जिसमें पंजीकृत दस्तावेज की अंतिम प्रति नागरिक को एनजीडीआरएस पोर्टल पर अपने लॉगिन पर उपलब्ध कराई जा सके, ताकि वह किसी भी स्थान से दस्तावेज को बिना किसी बाधा के डाउनलोड कर सके।
इस उद्देश्य के लिए विभाग पार्टियों के ई-साइन और पंजीकरण अधिकारियों के डिजिटल हस्ताक्षर के उपयोग की संभावना भी तलाशेगा। सचिव राजस्व ने जनता की शिकायतों को दूर करने और अधिकारियों/कर्मचारियों के सवालों का जवाब देने के लिए विशेष रूप से पंजीकरण विभाग के समर्पित हेल्पलाइन/कॉल सेंटर के महत्व पर प्रकाश डाला।
उन्होंने यह भी इच्छा व्यक्त की कि आम जनता के प्रश्नों का उत्तर देने के लिए विभागीय वेबसाइट में एक चैटबॉट स्थापित किया जाए। सचिव राजस्व ने उप पंजीयक कार्यालयों में दो तरफा ऑडियो के साथ सीसीटीवी के कामकाज की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि उप पंजीयक कार्यालयों के कामकाज में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए 20 मार्च, 2023 तक महानिरीक्षक कार्यालय में एक केंद्रीय पैनल स्थापित किया जाए।
उन्होंने विभाग को अन्य राज्यों की तर्ज पर समयबद्ध तरीके से अन्य नागरिक अनुकूल पहलों के कार्यान्वयन हेतु मार्ग प्रशस्त करने के लिए पंजीकरण अधिनियम, 1908 में आवश्यक संशोधन प्रस्तावित करने का भी निर्देश दिया। ई-ऑफिस के महत्व को दोहराते हुए, सचिव राजस्व ने उप पंजीयकों को सभी आधिकारिक पत्राचार के लिए 31 मार्च 2023 से पहले पूरी तरह से ई-ऑफिस पर स्विच करने का निर्देश दिया।
इस अवसर पर, उप पंजीयकों ने आम जनता के लाभ हेतु एनजीडीआरएस पोर्टल में और सुधार लाने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए। कार्यान्वयन के लिए एसडीयू एनआईसी पुणे के परामर्श से एनजीडीआरएस पोर्टल में सुधार/हस्तक्षेप का सुझाव देने के लिए एक योजना तैयार की गई।