समाज कल्याण विभाग और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, मुंबई के सहयोग से राष्ट्रीय महिला आयोग ने अधिक समन्वय के माध्यम से लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ प्रतिक्रिया को मजबूत करने के संबंध में जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों के हितधारकों की एक बैठक आयोजित की।
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षा रेखा शर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में समाज कल्याण आयुक्त सचिव शीतल नंदा, टीआईएसएस, मुंबई के प्रतिनिधि और अन्य संबंधित अधिकारी शामिल हुए। महिलाओं के लिए विशेष प्रकोष्ठ, परिवार परामर्श केंद्र, वन स्टॉप सेंटर, 181 हेल्पलाइन, महिला सशक्तिकरण हेतु जिला हब और परिवार परामर्श केंद्रों के साथ-साथ दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा का जवाब देने वाले वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी बैठक का हिस्सा थे।
बैठक के दौरान बोलते हुए, अध्यक्षा, रेखा शर्मा ने कहा, ‘‘अगर हम महिलाओं के खिलाफ हिंसा की इस बड़ी समस्या से निपटना चाहते हैं, तो हमें सहयोगी रूप से जवाब देने की जरूरत है।‘‘शीतल नंदा ने पहल के बेहतर कार्यान्वयन हेतु सभी हितधारकों को महिलाओं से संबंधित कानूनों के ज्ञान से खुद को लैस करने के लिए प्रोत्साहित किया।
उन्होंने उनसे क्रॉस-रेफरल के लिए सेवाओं की बहुलता और समर्थन मांगने वाले उत्तरजीवियों के लिए व्यापक प्रतिक्रिया को पहचानने के लिए कहा। उन्होंने कहा, ‘‘कानून हमारे द्वारा किए जाने वाले काम की रीढ़ है।‘‘बैठक में निर्णय लिया गया कि साइबर अपराध पर विभिन्न आबादी के युवाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और पुलिस के साथ जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
साथ ही घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा के तहत संरक्षण अधिकारियों के प्रशिक्षण की भी योजना बनाई जाएगी। मानव तस्करी का जवाब देने के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि हिंसा से बचे लोगों के लिए उपलब्ध संसाधनों की एक निर्देशिका बनाने हेतु एक पोर्टल विकसित किया जाएगा।