चितकारा यूनिवर्सिटी के अत्याधुनिक साइकोलॉजी प्रोग्राम का उद्घाटन जानी मानी अभिनेत्री, निर्देशक, लेखक, चित्रकार और फोटोग्राफर दीप्ति नवल, साइकोड्रामैटिस्ट मैग्डलीन और हैंडराइटिंग विश्लेषक राजेश कोठारी द्वारा एक विशेष कार्यक्रम में किया गया। आज उद्घाटन के मौके पर यूनिवर्सिटी की प्रो चांसलर डॉक्टर मधु चितकारा ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की।
क्लिनिकल साइकोलॉजी प्रोग्राम (बैचलर ऑफ साइंस और मास्टर्स ऑफ साइंस) को मनोविज्ञान के क्षेत्र में हो रही प्रगति के साथ तालमेल रखते हुए डिजाइन किया गया है। स्पेशलाइज्ड नॉलेज को हासिल करने के लक्ष्य साथ शुरू किया गया यह प्रोग्राम छात्रों की क्लीनिकल साइकोलॉजी अकादमिक रुचि को बढ़ाने के साथ साथ उनके व्यक्तिगत विकास,जागरूकता को भी बढ़ाने में मदद करेगा।
इस अवसर पर गेस्ट स्पीकर दीप्ति नवल ने साइकोलॉजी एंड थिएटर साथ साथ, लम्हा लम्हा विथ दीप्ति नवल मेमोयर विषय पर सेशन को संबोधित किया। उन्होंने रंगमंच में साइकोलॉजी की भूमिका पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने अपनी जीवन यात्रा के बारे में भी बात की जिसे उनके संस्मरण "ए कंट्री कॉल्ड चाइल्डहुड" में खूबसूरती से कैद किया गया है।
इस अवसर पर एक और गेस्ट स्पीकर एक्प्रेसिव आर्ट थेरेपिस्ट, साइको ड्रामेटेस्टिस्ट,व ईस्ट बेस्ट सेंटर फार काउंसिलिंग की फाउंडर मैग्डलीन जेयरथनम, भी उपस्थित थी । उन्होंने साइको ड्रामा की एक्शन मेदड्स व एक्सपिरिमेंटल एक्सरसाइज के जरिए स्व जागरूकता व अंतर्दृष्टि हासिल करने के बारे में बताया।
हैंडराइटिंग स्पेशलिस्ट राजेश एस. कोठारी द्वारा आयोजित सत्र में हिस्सा लेने के लिए छात्र बहुत रोमांचित थे। इसका ज्ञान उन्हें अपनी ताकत का पता लगाने के साथ साथ यह भी सिखाता है कि वे कैसे अपनी हैंडराइटिंग में बदलाव करके अपनी प्रोफेशनल और व्यक्तिगत सफलता को सुनिश्चित कर सकते हैं।
चितकारा स्कूल ऑफ साइकोलॉजी एंड काउंसलिंग (सीएसपीसी) ने बीए (ऑनर्स) एप्लाइड साइकोलॉजी, बीएससी (क्लिनिकल साइकोलॉजी), एमए (एप्लाइड साइकोलॉजी) और एमएससी (क्लिनिकल साइकोलॉजी) के छात्रों उनकी अल्फा काउंसलर बनने की यात्रा के पहले दिन चितकारा यूनिवर्सिटी पंजाब में आयोजित इस शानदार कार्यक्रम में स्वागत किया गया ।
छात्रों को साइकोलॉजी और रंगमंच के बीच संबंध के बारे में बताया गया क्योंकि साइकोलॉजी का ज्ञान अभिनेताओं को उनके द्वारा निभाए जाने वाले पात्रों के प्रति बेहतर दृष्टिकोण रखने में मदद करता है। अपने संबोधन में, चितकारा यूनिवर्सिटी की प्रो-चांसलर डॉ मधु चितकारा ने जोर देकर कहा कि, " चितकारा यूनिवर्सिटी से हम अपने छात्रों को हेल्थ सेक्टर के लिए नवीन तकनीकों में प्रशिक्षित अत्यधिक कुशल मनोवैज्ञानिक बनने के लिए तैयार करेंगे ।
मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल्स बनने के इच्छुक छात्रों में इस प्रोग्राम के जरिए ऐसी आवश्यक कौशल और दक्षता विकसित करने में मदद मिलेगी जो कि एक क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट के रूप में प्रैक्टिस करने के लिए जरूरी है। साइकोलॉजी के सभी प्रोग्राम्स इंटरडिसीप्लीनरी ग्रोथ की भावना के साथ शुरु किए गए हैं जिसके जरिए छात्र अपने अपने स्पेशलाइजेशन में एकेडमिक इंक्वायरी व शोध को कर सकते हैं ।"