जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन ने शुक्रवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव में गैर-स्थानीय लोगों को वोट देने की अनुमति देने के संबंध में चुनाव आयोग के अधिकारियों के हालिया बयान ने लोगों में आशंकाएं और डर पैदा कर दिया है, जिसे भारत सरकार को दूर करना चाहिए।
लोन ने एक बयान में कहा, ईसीआई के अधिकारियों के बयान ने जनसांख्यिकीय हस्तक्षेप और जनसांख्यिकीय परिवर्तन की आशंकाओं को बढ़ा दिया है। हम देश भर में प्रचलित कानूनों को जानते हैं, लेकिन यहां जो मायने रखता है वह कानून को लागू करना नहीं, बल्कि कानून को लागू करने वालों के इरादे हैं।
सज्जाद लोन ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में, जम्मू-कश्मीर के निवासियों के अधिकारों का हनन एक सतत प्रक्रिया बन गई है और इसमें निरंतर वृद्धि हुई है। उन्होंने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर में चोरी के चुनावों का इतिहास रहा है और ये बयान उन चुराए गए चुनावों की बदसूरत तस्वीर याद दिलाते हैं।
उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि सरकार हर दिन नए-नए चीयरलीडिंग करने के बजाय अपनी विफलताओं को पहचानेगी और पिछले तीन वर्षों में की गई त्रुटियों में सुधार करेगी।जम्मू-कश्मीर के लोगों की आशंकाओं को दूर करने और उनके इरादों को स्पष्ट रूप से बताने के लिए सरकार से अपील करते हुए लोन ने कहा, हम सरकार से अपील करते हैं कि वे इवेंट्स के अपने वर्जन को सार्वजनिक करें। वास्तविकता को प्रतिबिंबित होने दें।