Kanpur violence : 3 जून को हुई कानपुर हिंसा ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। पत्थरबाजों ने पुलिस पर जमकर पत्थर फैंके। वैसे तो पुलिस को हिंसा के 19 दिन बाद ही सफलता मिल गई थी। उन्होंने
कानपुर हिंसा (Kanpur violence) के सबसे बड़े फाइनेंसर मुख़्तार बाबा (Mukhtar Baba) को गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन अब वो धीरे धीरे अपनी सारी करतूतों से पर्दा खो रहा है। हम आपको बताएंगे कि कैसे मुख़्तार बाबा ((Mukhtar Baba) अपने बाबा बिरयानी रेस्टोरेंट में बैठे बैठे पूरी प्लानिंग करता था।
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मुख्तार बाबा से पूछताछ के पुलिस ने ये दावा किया है कि मुख्तार ही हिंसा का फाइनेंसर है। उसने हिंसा के लिए मुख्य आरोपी जफर हयात हाशमी को बहुत बड़ी रकम दी थी। रकम के जरिए पत्थरबाजों को इक्कठा किया गया। पत्थरबाजों के लिए खाने-पीने का इंतजाम भी मुख्तार बाबा ने किया था। मुख्तार ने पत्थरबाजों में भरपेट चिन बिरयनी खिलाई थी। ताकि उनमें एनर्जी बनी रहे।
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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अब गिरफ्तार किए गए मुख्तार बाबा को जेल भेज दिया गया है। बीच बीच में उनकी कोर्ट में पेशी होती है। हिंसा के बाद सबसे पहले जफर हयात को गिरफ्तार किया गया था। उसने ही Mukhtar Baba का नाम लिया था। उसने साफ कहा था कि इस हिंसा में मुख्तार बाबा शामिल है।
आपकी ये भी बता दें कि मुख्तार बाबा का कानपुर में मशहूर बाबा बिरयानी रेस्टोरेंट है। बेकनगंज स्थित इस रेस्टोरेंट में बैठकर ही कानपुर हिंसा की प्लानिंग को अंजाम दिया गया। यहां पैसों के लेनदेन के कई सुबूत भी पुलिस के हाथ लगे हैं। बेकनगंज में जहां बाबा बिरयानी रेस्टोरेंट संचालित होता है, वो शत्रु संपत्ति है।
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Mukhtar Baba अपने रेस्टोरेंट में ही सबको बुलाया करता था और आगे क्या- क्या करना है इसपर लंबी लंबी मीटिंग भी होती थी। सबको उनके हिस्से की जिम्मेदारी सौंपने वाला भी Mukhtar Baba भी था। वो सबको बिरयानी की दावत पर बुलाता था और आगे की पूरी प्लानिंग होती थी। हिंसा में जो भी खर्च हुआ वो सिर्फ Mukhtar Baba ने अरेंज किया। पत्थरबाजों को 500-500 रुपए दिए और गाली चलाने वालों को 5000 तक भी मिले। जितना बड़ा जोखिम उतने ज्यादा पैसे।