राजस्थान के उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल की हत्या को लेकर पुरे देश में सनसनी का माहौल है। हत्यारों ने कन्हैयालाल को ऐसी मौत दी कि जिसका जिक्र करते ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। लेकिन इन दरिंदों का दिल इतना निडर था की जब इन्होंने इस वरदारत को अंजाम दिया ही साथ ही इसका वीडियो भी बनाया। वीडियो में एक आरोपी गला काटने में व्यस्त है तो दूसरा वीडियो बनाने में। दरअसल
उदयपुर में 28 जून की दोपहर रियाज और गौस नाम के शख्स कपड़ा सिलाने के बहाने पहुंचे और कन्हैया लाल का गला काट दिया। बर्बर हत्या और बाद में हत्या की जिम्मेदारी लेने का वीडियो बनाया।
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हलांकि घटना के बाद राजस्थान पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया है ऐसे में कन्हैया के परिजनों की सजा की मांग फांसी हैं जिस पर राजस्थान सरकार मंत्री प्रताप सिंह का कहना है कि चार दिन के अंदर दोनों आरोपियों को फांसी पर लटकाया जाए।
कन्हैयालाल की नृशंस हत्या मामले की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई सामने
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पाया गया कि कन्हैयालाल की बॉडी पर कई बार धारदार हथियार से हमला किया गया है। सूत्रों के मुताबिक कन्हैयालाल के शरीर पर 26 घाव के निशाने मिले हैं। शव का पोस्टमार्टम करने वाली टीम के एक डॉक्टर ने बताया कि खंजर से कन्हैयालाल के शरीर पर 26 जगह वार किए गए थे। उन्होंने बताया कि 8-10 घाव कन्हैयालाल की गर्दन के पास मिले हैं। बाकी घाव् शरीर के अन्य हिस्सों में मिले हैं। पोस्टमार्टम करने वाली टीम का मानना है कि शरीर से ज्यादा खून बह जाने के चलते कन्हैयालाल की मौत हुई।
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रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस में आती है कन्हैयालाल की हत्या
रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस की वैसे तो कोई परिभाषा नहीं है लेकिन इस केस में आरोपी को मुजरिम ठहराए जाने पर फांसी की सजा ही दी जाती है। रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस के मामले में सुप्रीम कोर्ट के कानून विशेषज्ञों ने बताया कि ‘अपराध शास्त्र में सबसे महत्वपूर्ण मेंस रिया (Mens rea) है। ये एक लीगल टर्म है, जो किसी व्यक्ति के अपराध करने के इरादे को दिखाता है। इसे आसान भाषा में समझें तो कोई व्यक्ति सोच-समझकर आपराधिक मानसिकता से हत्या को अंजाम देता है, इसका मतलब है कि व्यक्ति को अपने अपराध की पूरी जानकारी थी।’
क्या आरोपियों को चार दिन बाद मिलेगी फांसी की सजा?
इस वारदात को देखने के बाद सवाल ये उठता है की आख़िरकार कब होगी कन्हैयालाल के हत्यारों को फांसी? कानून विशेषज्ञों के अनुसार का कहना है, ‘उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल की हत्या रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस में आती है, क्योंकि आरोपियों ने पहले धमकी दी, फिर नृशंस हत्या की, हत्या का वीडियो बनाया और उसे सोशल मीडिया में पोस्ट किया। ये दिखाता है कि जानबूझकर आपराधिक मानसिकता के साथ इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया। इसके अलावा इस घटना ने सामाजिक ताने-बाने पर बड़ा आघात पहुंचाया है। लोग इस बर्बर हत्या से स्तब्ध है, इसलिए भी ये रेयरेस्ट ऑफ रेयर है।’
साथ ही घटना को सरकार आतंकी घटना मान रही हैं। बताया जा है माना जा रहा है कि दोनों आरोपियों का दूसरे देशों से भी लिंक है वे इस घटना को अंजाम देकर आंतक फैलाना चाहते थे। इसीलिए इसकी जांच NIA को सौंपी गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक खुफिया एजेंसिया इसे 'इस्लामिक आंतकवाद' की तरह देख रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट के वकील विराग गुप्ता का कहना है कि ''इस मामले में फास्ट ट्रैक ट्रायल चलने पर अगर निचली अदालत उन्हें जल्द से जल्द फांसी दे देती है, तब भी ये मामला विचार के लिए हाई कोर्ट के पास जाएगा। ऐसे में उन्हें तुरंत फांसी मिलना मुश्किल है।''
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कन्हैयालाल की नृशंस हत्या में अभी तक क्या क्या हुआ
क्या हुआ कन्हैयालाल के साथ जानिए सब कुछ :-
- आपको बता दें कि कन्हैयालाल को मोहम्मद साहब पर टिप्पणी करने वाली सस्पेंडेड बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा (Nupur sharma) का समर्थन करने वाले सोशल मीडिया पोस्ट के मामले में अरेस्ट किया गया था। हालांकि कन्हैयालाल ने दावा किया था कि ये पोस्ट उसके 8 साल के बेटे ने किया था, जिसे बाद में डिलीट भी कर दिया गया था।
- 28 जून की दोपहर रियाज और गौस नाम के शख्स कपड़ा सिलाने के बहाने पहुंचे और कन्हैया लाल का गला काट दिया। बर्बर हत्या और बाद में हत्या की जिम्मेदारी लेने का वीडियो बनाया। जिसे उन्होंने नूपुर शर्मा के आपत्तिजनक बयान का बदला बतया। यही नहीं आरोपियों ने देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को भी धमकी दी।
- घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों को पुलिस ने 170 किमी दूर राजसमंद जिले के भीम इलाके में पकड़ा जिसके बाद उनकी जमकर पिटाई की।
- कन्हैयालाल के परिजनों को आर्थिक सहायता के लिए सरकार ने 31 लाख रुपए मुआवजे के साथ ही परिवार के दो सदस्यों को नौकरी देने का ऐलान किया है।
- फिलहाल राजस्थान सरकार ने एक महीने के लिए पूरे राज्य में धारा-144 लागू कर दी है और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।
- इस बीच राज्य की अशोक गहलोत सरकार ने उन सभी पांचों पुलिसकर्मियों को विशेष तोहफा दिया है जिन्होंने घटना में शामिल आरोपियों को पकड़ा था। राज्य सरकार ने उदयपुर की घटना में शामिल आरोपियों को गिरफ्तारी करने वाले पांच पुलिसकर्मियों तेजपाल, नरेन्द्र, शौकत, विकास एवं गौतम को आउट ऑफ टर्म प्रमोशन देने का फैसला किया है।