फेसबुक, व्हाट्सअप के माध्यम से वाहन बेचने के नाम पर देशभर के लोगों से लाखों रूपयों की ठगी करने वाले एक और ठग को चम्पावत पुलिस ने राजस्थान भरतपुर से गिरफ्तार किया है। इससे पूर्व पुलिस ने नोएडा से क्यू आर कोड से ठगी करने वाले ठग को दो दिन पूर्व ही गिरफ्तार है। यह ऐसे मामले हैं जिनमें पहली बार चम्पावत पुलिस ने कार्यवाही की है। पुलिस ने आरोपी युवक को कोर्ट में पेशकर जेल भेज दिया। टनकपुर कोतवाली में फरवरी माह में सैलानीगोठ निवासी सूरज राय पुत्र प्रकाश चंद्र राय ने शिकायती पत्र देकर बताया कि एक अज्ञात साइबर ठग ने अपने आप को आर्मी पर्सन बताया और दूसरी जगह पोस्टिंग होने के कारण ऑनलाइन बाइक बेचने की अपडेट ओलेक्स पर डाली। इस पर ठग ने 40 हजार रुपये खाते में डालने को कहा। जिस पर उसने पैसे खाते में तो डाल दिए लेकिन उसे बाइक नहीं मिली। इस पर पुलिस ने आरोपी ठग के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच बनबसा थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर धर्मवीर सोलंकी को दी। एसपी लोकेश्वर सिंह ने घटना के खुलासे को साइबर/सर्विलांस सैल की अलग-अलग टीम गठित की गई। टीम ने ओएलएक्स, फर्जी फोन पे, गूगल पे, पेटीएम व ऑनलाइन बैको की डिलेट के माध्यम से अज्ञात अभियुक्तों की पहचान की। अभियुक्त भरतपुर राजस्थान का रहने वाला था।
अभियुक्त को पकडऩे के लिए एसआइ गोविंद सिंह बिष्ट के नेतृत्व में टीम भरतपुर, राजस्थान भेजी गई। पुलिस ने मौके से रज़ाक 39 पुत्र उमर मोहम्मद निवासी कामा जिला भरतपुर राजस्थान को भरतपुर से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया। टीम में एसओ बनबसा इंस्पेक्टर धर्मवीर सिंह सोलंकी, इंस्पेक्टर साइबर सेल हरपाल सिंह, एसआइ गोविंद सिंह बिष्ट, कांस्टेबल शैलेंद्र सिंह, सुरेंद्र सिंह, सद्दाम हुसैन व भुवन पांडेय शामिल रहे।ऐसे देता था घटना को अंजाम: आरोपी युवक स्थानीय गिरोह टटलू गैंग का सदस्य है। यह गैंग साइबर अपराध फेसबुक आईडी हैक कर मैसेंजर के माध्यम से तथा ओएलएक्स, फेसबुक, व्हाट्सअप के माध्यम से आर्मी परसन की फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर वाहन आदि बेचने के नाम पर भोले भाले लोगो को अपने विश्वास में लेकर ठगी करते है। इनके खातों में लाखों रूपयो का लेनदेन होना पाया गया है। यह लोग अपने गैंग को मेवात तथा अलवर राजस्थान से संचालित करते थे तथा छोटे-छोटे गैंग बनाकर यह लोग काम करते है। उक्त अपराधी ओएलएक्स, फर्जी फोन पे, गूगल पे, पेटीएम के माध्यम से पैसा ट्रांसफर कर पैसे को ऑनलाइन बैंक अकाउंट में डालकर निकाल देते थे।