तेलुगु स्टार राणा दग्गुबाती को लगता है कि दर्शक केवल फिल्म की परवाह करते हैं न कि फिल्म बनाने वाले व्यक्ति की। राणा अपनी नई त्रिभाषी बिगगी 'हाथी मेरे साथी' के रिलीज होने का इंतजार कर रहे हैं। जो कि ख्म् मार्च को हिंदी, तेलुगु और तमिल भाषाओं के सिनेमाघरों में आने वाली है।हालांकि मुय रूप से अब तक तेलुगु फिल्मों पर ध्यान केंद्रित किया गया है, लेकिन राणा ने अपने करियर के शुरूआती दिनों से ही हिंदी और तमिल फिल्म इंडस्ट्री में प्रभाव डाला है। दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से समानित दिवंगत निर्माता डी रामनायडू के पोते, वह मानते है,''सिनेमा की कला अंततः भाषाओं में एकजुट होती है।''उन्होंने आईएएनएस को बताया, ''यह हमेशा दर्शकों के लिए होता है। वे हमेशा कुछ नया चाहते हैं। जब आप एक टिकट खरीदते हैं और थिएटर में पहुंचते हैं, तो आपको वास्तव में परवाह नहीं है कि फिल्म निर्माता कहां से है। आप सिर्फ फिल्म के बारे में परवाह करते हैं। मुझे लगता है कि इंटरनेट और प्रेस ने भाषा के बाधाओं को भी बड़े पैमाने पर तोड़ दिया है।''अभिनेता कहते हैं, ''मैं अपने दादाजी के कारण इतिहास थोड़ा बहुत जानता हूं। एक समय था जब सभी फिल्में, चाहे वह हिंदी हो, तेलुगु हो या तमिल, चेन्नई से बाहर शूट की जाती थी।''हाथी मेरे साथी' तमिल में 'कादन' और तेलुगु में 'अरण्या' के रूप में रिलीज हुई थी। प्रभु सोलोमन निर्देशन के बारे में बात करते हुए अभिनेता का कहना है, ''इस किरदार को निभाने के लिए मानवता से दूर अनसुने लोकेशन्स पर शूटिंग करना और यहां तक कि बॉडी ट्रांसफॉर्मेशन और बॉडी लैंग्वेज पर काम करने की जरूरत थी।'''बाहुबली' में नायक भल्लाल देव भूमिका की सभी ने सराहना की। जबकि कई लोग उन्हें 'बाहुबली' फिल्मों से निर्दयी राजा के रूप में याद करते हैं। राणा जल्द ही 'हाथी मेरे साथी' में बंदेव की भूमिका निभाते हुए दिखाई देंगे। 'बंदेव' एक ऐसा व्यक्ति है जो जंगल में रहता है और उसने इको-सिस्टम की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित किया है।