पहले पातशाह श्री गुरु नानक देव जी द्वारा कुल आलम को दिए शाश्वत संदेश ‘किरत करो, नाम जपो, वंड छको’ को 26 जनवरी को नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड के लिए पंजाब सरकार की झाँकी के विषय के तौर पर दर्शाया जायेगा।इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि गणतंत्र दिवस-2020 के अवसर पर पंजाब राज्य की झाँकी को सिख धर्म के संस्थापक श्री गुरु नानक देव जी की विचारधारा के साथ-साथ उनके 550वें प्रकाश पर्व सम्बन्धी साल भर चले समागमों को समर्पित किया गया है।उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने गुरू साहिब के मानवीय सिद्धांतों पर आधारित फलसफे ‘किरत करो’, ‘नाम जपो’, ‘वंड छको’ को दिखाने की विनम्र कोशिश की है जिसकी आज के समय में भी अहमियत है। उन्होंने कहा कि ‘किरत करो’ का सिद्धांत ईमानदार साधनों के द्वारा आजीविका कमाने का संदेश देता है जबकि ‘नाम जपो’ के सिद्धांत के द्वारा परमात्मा के नाम का निरंतर जाप करने के लिए प्रेरित किया गया है। इसी तरह गुरू साहिब ने अपने तीसरे सिद्धांत ‘वंड छको’ के द्वारा लोगों को समानता वाले समाज की सृजना के लिए अपनी मेहनत के फल को बाँट कर ग्रहण करने का उपदेश दिया है।श्री गुरु नानक देव जी के सहिष्णुता, शान्ति, सांप्रदायिक सद्भावना, महिला सशक्तिकरण और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण जैसे नैतिक मूल्यों पर आधारित संदेश कुल दुनिया के लिए धर्मों में परस्पर साझ का प्रतीक हैं।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि संपूर्ण झाँकी श्री गुरु नानक देव जी की सभी व्यापक शिक्षाओं के द्वारा आध्यात्मिक और पवित्र किरणें बिखेरेगी। झाँकी में ट्रैक्टर वाले हिस्से पर विशाल और अद्भुत हाथ ‘एक ईश्वर’ के फलसफे को दर्शाता है। ट्रेलर पर सिख धर्म के तीन बुनियादी सिद्धांत ‘किरत करो’, ‘नाम जपो’, ‘वंड छको’ दर्शाए गए हैं।ट्रेलर की शुरुआत में दिखाया ‘किरत करो’ का संदेश व्यक्ति, परिवार और समाज के कल्याण और सुधार के लिए परमात्मा द्वारा प्रदान किए गए कौशल, क्षमता, प्रतिभा और कठिन परिश्रम जैसी रहमतों के द्वारा किसी व्यक्ति की ओर से ईमानदार, पवित्र और समर्पित जि़ंदगी जीने से सम्बन्धित है। इसके बाद ट्रेलर के बीच वाले हिस्से में ‘नाम जपो’ के सिद्धांत को दर्शाया गया है। सिख धर्म में इसका अर्थ ध्यान लगाना, परमात्मा की स्तुति में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की वाणी का गायन करना और परमात्मा द्वारा मानव को प्रदान की गईं अनंत रहमतों के लिए आभार व्यक्त करते हुए परमात्मा के विभिन्न नामों, खासकर वाहेगुरू शब्द का जाप करना है, जिसका अर्थ है ‘आदि-जुगाद परमात्मा’। इसके बाद ‘वंड छको’ के सिद्धांत को दर्शाया गया है, जो हमारे पास उपलब्ध पदार्थों को समाज में बाँट कर ग्रहण करने का संदेश देता है।ट्रेलर के अंत में प्रार्थना स्थल के रूप में गुरुद्वारा साहिब को दिखाया गया है, जिससे गुरू जी के ईश्वरीय संदेश की अहमियत और आंतरिक मूल्यों का ज्ञान प्राप्त होता है। इस झाँकी के द्वारा राजपथ पर केवल 60 सैकिंड में समूह दर्शकों द्वारा आत्मिक आनंद की दुनिया में लीन होते हुए श्री गुरु नानक देव जी के सत्कार में हाथ जोडक़र शीश झुकाया जायेगा।