प्रशांत भूषण की लगभग 15 एकड़ जमीन को जब्त करने की सिफारिश
Web Admin
5 दरिया न्यूज (विजयेन्दर शर्मा)
शिमला , 11 Feb 2014
हिमाचल प्रदेश सर्तकता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने राज्य सरकार से आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रशांत भूषण की लगभग 15 एकड़ जमीन को जब्त करने की सिफारिश की है। ब्यूरो का कहना है कि यह जमीन उस काम के लिए इस्तेमाल नहीं की गई, जिसका हवाला देकर इसे हासिल किया गया था। गौरतलब है कि 2010 में राज्य की बीजेपी की सरकार ने नियमों को धत्ता बताते हुए वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण की कुमुद भूषण एजुकेशनल सोसायटी को पालमपुर के पास कंडबाड़ी में टी गार्डन की जमीन खरीदने की मंजूरी दी थी। प्रशांत भूषण को यह जमीन खरीदे जाने के 2 साल के भीतर शिक्षा संस्थान बनाने के लिए दी गई थी। इस मामले में गौर करने वाली बात यह है कि राज्य में किसानों के अलावा किसी भी अन्य शख्स को टी गार्डन बेचने पर पूरी तरह से बैन लगा हुआ है।कांग्रेस ने इसका कड़ा विरोध करते हुए इस मामले में धांधली का आरोप लगाया था। इसके बाद सत्ता में आने पर कांग्रेस की सरकार ने मार्च 2013 में मामले की जांच के आदेश दे दिए थे। सूत्रों के मुताबिक विज़िलंस ब्यूरो के प्रमुख डीआईजी ए.पी.सिंह ने 25 दिसंबर को राज्य सरकार को लिखा कि जांच में यह पाया गया है कि प्रशांत भूषण की संस्था को 15.5 एकड़ चाय बागान की जमीन 2 साल के भीतर शिक्षा संस्थान खोलने के लिए दी गई, लेकिन यहां कोई स्कूल या कॉलेज नहीं बनाया गया। हालांकि, जांच रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि संभावना नाम का एक शिक्षा संस्थान यहां बनाया गया है, लेकिन इसे किसी यूनिवर्सिटी या बोर्ड से मान्यता नहीं मिली है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसलिए इस मामले में नियमों को तोड़ा गया है और इस जमीन को जब्त कर लिया जाना चाहिए। प्रशांत भूषण का कहना है कि यह रिपोर्ट गलत इरादे से बनाई गई है और कोर्ट में यह खारिज हो जाएगी। उन्होंने बताया है कि जमीन को जब्त करने का कोई आधार नहीं है। यह पूछे जाने पर कि उनकी सोसायटी ने जमीन पर एजुकेश्नल संस्थान क्यों नहीं बनाया, उन्होंने कहा कि 2 साल में कोई संस्थान बना पाना संभव ही नहीं है। राज्य के मुख्य राजस्व सचिव तरुण श्रीधर ने कहा कि मामले की कानूनी कार्यवाही कांगड़ा के जिला मैजिस्ट्रेट कोर्ट में शुरू हो चुकी है और कोर्ट के फैसले के बाद ही कोई ऐक्शन लिया जाएगा।