पंजाब के बच्चों को समृद्ध विरासत, सभ्याचार और इतिहास से जोडऩे और उनमें सृजनात्मक कौशल पैदा करने के लिए आज सांस्कृतिक और पर्यटन मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और उच्चतर शिक्षा और भाषा मंत्री श्रीमती अरुना चौधरी ने आज सांस्कृतिक, स्कूल शिक्षा और उच्चतर शिक्षा और भाषाओं विभाग की पहली मीटिंग की।सरकारी प्रवक्ता द्वारा दी जानकारी अनुसार मीटिंग में फ़ैसला किया गया कि विद्यार्थियों में सृजनात्मक कौशल पैदा करने और विरासत से जोडऩे के लिए प्राईमरी और हाई स्कूल स्तर पर पाठयक्रम का हिस्सा बनाया जायेगा और विद्यार्थियों के ऐतिहासिक और संस्कृतिक स्थानों के शैक्षिक टूर लगाए जाएंगे। विद्यार्थियों को यह विषय प्रैक्टिकल तौर पर भी सिखाया जायेगा जिसके विशेष नंबर भी रखे जाएंगे। विद्यार्थियों के लिए चलाए जाते एजूसेट के द्वारा भी ऐतिहासिक दिवस मौके पर शख्शियत उनके रूबरू हुआ करेगा।स्कूली विद्यार्थियों को ऐतिहासिक, विरासती और संास्कृतिक टूर करवाने के लिए सर्कट बनाया जायेगा जिन सम्बन्धित क्षेत्रों की यूनिवर्सिटियाँ सहयोग देगी।आज की इस मीटिंग में यह भी फ़ैसला किया गया कि स्कूल से ले कर कालेजों और यूनिवर्सिटी स्तर के पाठयक्रम में एक समानता और बेहतर तालमेल के लिए एलिमेंट्री, सेकंडरी और ऊँची शिक्षा के अधिकारियों की लगातार मीटिंग हुआ करेगी।इस मीटिंग में दिए गए अन्य सुझावों में पाठय पुस्तकों की गुणवत्ता में भी सुधार, स्कूलों में पंजाबी बोलने को उत्साहित करना, विरासत संभाल पंजाबियों मुहिम के द्वारा पंजाब के सभ्याचार पर मान महसूस करना और सांस्कृतिक गतिविधियों को प्रोत्साहन देने के लिए भाषा विभाग को हर संभव मदद देना आदि शामिल थे।मीटिंग में विचार गए सभी उपायों को लागू करने और इसको कैबिनेट में मंज़ूरी के लिए अंतिम मसौदा तैयार करने के लिए पाँच सदस्यीय कमेटी बनाई गई जिस में आज की मीटिंग में उपस्थित हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव (उच्च शिक्षा) श्री एस के संधू, पंजाब कला परिषद के चेयरमैन पद्मश्री डा. सुरजीत पातर, पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन मनोहर कांत कलोहिया, पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला के उप-कुलपति प्रो. बीएस घूमन और गुरु नानक देव विश्वविद्यालय अमृतसर के उप-कुलपति डा. जसपाल सिंह संधू को शामिल किया गया। यह कमेटी तीन सप्ताहों में अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी जिस पर विचार के लिए मई के पहले सप्ताह दोनों मंत्री फिर तीनों ही विभागों की मीटिंग करेंगे। मीटिंग में भाषा विभाग की डायरैक्टर गुरशरन कौर वालिया, पंजाब कला परिषद के सचिव जनरल डा. लखविन्दर सिंह जौहल और पंजाब यूनिवर्सिटी, चण्डीगढ़ के डायरैक्टर युवा कल्याण डा. निर्मल जोढ़ा भी शामिल हुए।