छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह का कहना है कि राज्य और केंद्र सरकारों ने नक्सलियों के नियंत्रण वाले सुदूरवर्ती और पहुंच से दूर इलाकों में सड़कें, स्कूल और अस्पताल बनाकर राज्य को विकास के पथ पर अग्रसर किया है। उनका मानना है कि राज्य और केंद्र सरकारों के इन मिले-जुले प्रयासें से नक्सलवादियों के पैरों तले की जमीन खिसक रही है। भारतीय जनता पार्टी के सबसे लंबे कार्यकाल वाले मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सलवाद की लड़ाई को केवल विकास के जरिए ही जीता जा सकता है और जब तक नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री रहेंगे, इस मद में पैसों की कोई कमी नहीं आएगी।सिंह ने यहां आईएएनएस से साक्षात्कार में कहा, "राज्य के लिए मेरा सपना एक शांतिपूर्ण और विकासशील छत्तीसगढ़ है। हम उसी राह पर अग्रसर हैं। हम जल्द ही नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ फेंकेंगे।"इस बात पर जोर देते हुए कि विकास ही भाजपा का मूल मंत्र है, उन्होंने कहा, "विकास के लिए कार्य करके हम हम समाज को जागृत करने में सफल रहे हैं। इससे हमें निश्चित तौर पर फायदा होगा।"उन्होंने कहा, "नक्सलवाद की लड़ाई केवल विकास से ही जीती जा सकती है। हम जहां कहीं भी सड़कें बना रहे हैं और विकास कार्य कर रहे हैं, वहां नक्सलियों की जमीन खिसक रही है। हम इस समस्या को जड़ से मिटाने के बहुत करीब पहुंच चुके हैं।"मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार को नक्सलवाद के मामले में केंद्र का काफी सहयोग मिल रहा है, खासतौर पर 2014 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से राज्य सरकार केंद्र के साथ एकजुट होकर काम कर रही है।
उन्होंने कहा, "हमें प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह का हर प्रकार से सहयोग मिल रहा है। नक्सल प्रभावित इलाकों का विकास हमेशा से प्रधानमंत्री की प्राथमिकता रही है। उन्होंने हाल ही में देश के कुछ आकांक्षापूर्ण जिलों के लिए 600 करोड़ रुपये का विशेष फंड आवंटित किया था, जिनमें से सात जिले छत्तीसगढ़ के हैं। उन्होंने हमें डिस्ट्रिक्स मिनरल फाउंडेशन (डीएमएफ) प्रदान किया था और इसके तहत हमें राज्य के लिए 300 करोड़ रुपये का अतिरिक्त फंड मिल गया। जब तक भाजपा केंद्र में है विकास के लिए पैसों की कोई कमी नहीं होगी।"सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में अभी भी दांतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा समेत कई पिछड़े जिले हैं।उन्होंने कहा, "इन इलाकों में नक्सलियों की भारी मौजूदगी है। हमने प्राथमिकता के स्तर पर इन इलाकों को मुख्यधारा में शामिल किया है। हमने इन इलाकों को शैक्षणिक गढ़ों के रूप में विकसित किया, जहां 4,000 से अधिक छात्र पढ़ रहे हैं। हमने इन इलाकों के लोगों के दरवाजों तक विकास पहुंचाने के लिए कई अस्पताल बनाए हैं, उनमें आधुनिक उपकरण मुहैया करा रहे हैं।"उन्होंने कहा, "हम पूरे राज्य को चार-पांच लेन वाली सड़कों से जोड़ रहे हैं। ऐसी कई परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, जबकि कुछ पूरी होने के कगार पर हैं। हमने उच्च श्रेणी की बुनियादी सुविधा प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास किया है। ऐसे इलाकों में अपनी यात्रा के दौरान मैंने महसूस किया है कि लोग पहले से काफी संतुष्ट हैं।"उन्होंने कहा, पहले छत्तीसगढ़ की गिनती सबसे पिछड़े हुए राज्यों में होती थी, लेकिन अब हमारे राज्य को तेजी से विकसित होते राज्यों में गिना जाता है।