इनेलो के वरिष्ठ नेता एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चौधरी अभय सिंह चौटाला और प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने शुक्रवार को नारनौल जिले के नसीबपुर गांव में शहीदी दिवस सम्मेलन को संबोधित करते हुए शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए। इनेलो नेता ने कहा कि पूरा अहीरवाल क्षेत्र व दक्षिणी हरियाणा देश में सबसे ज्यादा कुर्बानियां देने वाले महान शहीदों की जन्म स्थली के तौर पर जाना जाता है। इस मौके पर अनेक पूर्व सैनिक, सैनिक अधिकारी और देश की सीमा की रक्षा करने वाले वीर जवानों के परिवार भी आए हुए हैं। इनेलो नेताओं ने कहा कि 23 सितम्बर को देश के महान योद्धा राव तुलाराम जी ने आखिरी सांस ली थी। 1857 से लेकर कारगिल के युद्ध तक देश के लिए जानें कुर्बान करने वाले बहादुर जवानों की याद में यह दिन शहीदी दिवस के तौर पर मनाया जाता है। आज राव तुला राम जी की पुण्यतिथि है। अंग्रेजों की दमनकारी नीतियों का डटकर विरोध करने वाले राव तुलाराम ने अंग्रेजों के शोषण का विरोध करते हुए राव गोपालदेव के साथ मिलकर रेवाड़ी तहसील के मुख्यालय पर आक्रमण करके अंग्रेज सरकार का खजाना लूटा था। 1857 में भारत में सबसे अधिक समय तक अंग्रेजों के साथ संघर्ष किया और जोधपुर के राजा से मदद लेकर नसीबपुर में युद्ध लड़ा। सितम्बर 1857 में जनरल शावर्स सेना लेकर रेवाड़ी आया लेकिन राव तुलाराम उससे पहले ही रेवाड़ी छोड़ चुके थे। इनेलो नेताओं ने राव तुलाराम की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए और इस मौके आयोजित हवन में पूर्ण आहुति दी। इस मौके पर पूर्व विधायक राव बहादुर सिंह, पूर्ण सिंह डाबडा, जिलाध्यक्ष सतबीर नौताना व राव होशियार सिंह भी मौजूद थे।
अभय चौटाला ने आज शहीदी दिवस के अवसर पर रेवाड़ी के नाईवाली चौक पहुँचकर शहीद राव तुलाराम की प्रतिमा पर भी पुष्प अर्पित किये। अभय चौटाला ने कहा की बीजेपी सरकार ने शहीदी दिवस पर कोई कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया ये बहुत ही शर्मनाक बात है और शहीदों का अपमान है। पहले तो बीजेपी सरकार ने शहीदी दिवस का कार्यक्रम रेवाड़ी में आयोजित करने की घोषणा की और बाद में उस कार्यक्रम को रद्द कर दे ना यह दर्शाता की शहीदों के प्रति सरकार की क्या सोच है। इनेलो नेता ने कहा कि अपने आप को राव तुला राम के वंशज बताने वाले राव इंदरजीत सिंह के पास अपने पूर्वजो के लिए ही समय न होना ये दर्शाता है की ये लोग शहीदों के नाम पर केवल वोट मांगते है उनका सम्मान करना इनके दिल में नही है। शहीदों का सम्मान तो देवीलाल परिवार और इनेलो ही करती है जो चाहे सत्ता में हो या विपक्ष में। अभय चौटाला ने आज इनेलो नेत्री कमला शर्मा के घर पहुँच कर उनके बेटे के आकस्मिक निधन पर दुख जताया। इस अवसर पर प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा, सुनील चौधरी, डॉ राजपाल यादव, जगदीश प्रसाद डहीनवाल, वरुण गाँधी, राजबीर कालुवास, धर्मपाल देशवाल, मनबीर लाम्बा, सूबे सिंह प्रजापत, संजीव यादव,सुधीर मीरपुर, कांशीराम खिंची, राम प्रकाश, सुरजीत सिंह, रिंकू राव , लक्की, महेंदर सिंह ,नरेश यादव, दीपक सोनी, यशपाल कालड़ा व रजवन्त सिंह डहीनवाल एडवोकेट सहित अनेक इनेलो नेता मौजूद थे।
इनेलो नेताओं ने कहा कि नसीबपुर के युद्ध में हारने के बाद राव तुलाराम भेष बदलकर अफगानिस्तान गए और वे पहले ऐसे क्रांतिकारी थे जिन्होंने विदेशी मदद से भारत को आजाद कराने का प्रयास किया। इन्हीं की नीति को नेता जी सुभाष चंद्र बोस ने अपनाया। रूस के म्यूजियम में राव तुलाराम द्वारा रूस के जार से मदद लेने तथा जोधपुर के राजा तख्त सिंह, बीकानेर के राजा सरदार सिंह और जयपुर के राजा सवाई मानसिंह के पत्र आज भी उन महान देशभक्तों के देश प्रेम की मिसाल बने हुए हैं। पेचिस के कारण राव तुलाराम 23 सितम्बर 1863 को अपना शरीर त्याग गए लेकिन देश के महान सेनानियों और देशभगत योद्धाओं को श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए यह शहीदी दिवस समारोह मनाया जाता है ताकि हम अपने पूर्वजों के जीवन से प्रेरणा लेकर देश व समाज को आगे बढ़ा सकें। अहीरवाल लम्बे समय से अपने शौर्य, परम्परा व बहादुरी के लिए प्रसिद्ध रहा है। वीरों के साथ-साथ यहां का किसान खेती के लिए भी मशहूर है और यह पुरानी कहावत रही है कि ‘अहीर-खेती की तदबीर’। भारतीय सेना में जहां हर दसवां सैनिक हरियाणवी है वहीं शहीदों की सूची में हर पांचवां नाम हरियाणवी सैनिकों का आता है।
इनेलो नेताओं ने कहा कि1999 में लड़ा गया कारगिल युद्ध में इस क्षेत्र केजवानों ने न सिर्फ सबसे ज्यादा अपनी जानें कुर्बान की बल्कि सबसे ज्यादा बहादुरी के पदक भी हरियाणा के वीर सैनिकों को मिले जिनमें महावीर चक्र और वीरचक्र से लेकर सेना मैडल तक शामिल हैं। इनेलो नेताओं ने कहा किउस समय प्रदेश में चौधरी देवीलाल की नीतियों पर चलने वाली चौधरी ओमप्रकाश चौटाला की सरकार ने युद्ध में शहीद हुए 158 परिवारों को 10-10 लाख रुपए प्रति परिवार की दर से 15 करोड़ 80 लाख रूपए की राहत राशि, युद्ध में विकलांग हुए 28 सैनिकों को 3 लाख से 6 लाख रुपए तक अनुग्रह राशि और शहीद हुए 65 परिवारों के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने के साथ दो लोगों को एचसीएस जैसे अहम पदों पर भी लगाया गया और 42 पैट्रोल पम्प व 22 गैस एजेंसिया आवंटित करने के अलावा शिक्षण संस्थानों व सडक़ों के नाम शहीद सैनिकों के नाम पर रखे गए। इनेलो नेताओं ने कहा कि चौधरी देवीलाल ने मुख्यमंत्री बनने के बाद शहीदों को सम्मान देने के लिए 23 सितम्बर को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया था और पिछले कई सालों से इनेलो हर साल इस क्षेत्र में शहीदी दिवस सम्मेलन आयोजित करती आई है।