जनता दल युनाइटेड के नेता शरद यादव ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि ठेके पर श्रमिकों को रखने की प्रणाली (कांट्रैक्ट लेबर) कानून की उपेक्षा कर रही है। कामगारों को बिना किसी संरक्षण के उनके हाल पर छोड़ दिया गया है। पुणे में एक निर्माण स्थल पर एक दुर्घटना में नौ श्रमिकों की मौत का मुद्दा उठाते हुए यादव ने कहा, "हमने श्रम कानून में परिवर्तन नहीं किया, लेकिन ठेकेपर श्रमिकों की नियुक्ति की यह बीमारी पूरे देश में फैल गई है।"उन्होंने कहा, "श्रम कानून को नजरअंदाज करने का हमने एक तरीका ढूंढ लिया।"
यादव ने कहा कि संसद तक में सफाई कर्मी ठेके पर काम कर रहे हैं।जदयू सांसद ने कहा, "इसका तात्पर्य है कि कोई जिम्मेदारी नहीं है। श्रमिकों के अधिकारों की उपेक्षा हो रही है जो उन्हें वर्षो के संघर्ष के बाद मिले थे।"सरकार पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि नौकरियां कम हो गईं हैं। शर्मा ने कहा, "सरकार ने रोजगार का वादा किया था। इसलिए चार से पांच करोड़ रोजगार के अवसर होने चाहिए थे। सरकारी आंकड़े बता रहे हैं कि रोजगार घट रहे हैं।"