जनता दल युनाइटेड (जद-यू) नेता शरद यादव ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि आजादी के बाद से दलितों के खिलाफ अत्याचार लगातार बढ़ रहे हैं और भारत में जाति प्रथा का होना 'तालिबान जैसा रवैया' है। यादव ने गुजरात के उना में कथित तौर पर मृत गाय की चमड़ी उतार रहे दलित युवकों की पिटाई की घटना के लिए जिम्मेदार गौ संरक्षण सतर्कता समूह पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की। यादव ने राज्यसभा में इस मुद्दे पर चर्चा शुरू करते हुए कहा, "हम तालिबान की बात करते हैं..हमारी जाति प्रथा तालिबान जैसे रवैये का प्रतीक है। हमें इस पर चर्चा करने की जरूरत है।"जद-यू नेता ने गौ सरंक्षक समूहों पर प्रहार करते हुए कहा, "यह गौ रक्षक संगठन क्या है। सरकार इस पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाती?"
यादव ने यह भी कहा कि युवा बढ़ती बेरोजगारी के कारण ऐसे संगठनों से जुड़ रहे हैं।उन्होंने कहा, "गुजरात में ये गौ रक्षक कहते हैं कि गाय में 33 करोड़ देवी और देवता निवास करते हैं। देश में ऐसे अंधविश्वास फैलाए जा रहे हैं।"गुजरात के उना में चार दलित युवकों की सार्वजनिक रूप से पिटाई की गई थी और गौ संरक्षकों ने शहर में उनकी परेड कराई थी।किसानों ने मृत गाय का चमड़ा उतारने के लिए दलित युवकों को बुलाया था। दलित युवकों पर अत्याचार का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद यह घटना उजागर हुई थी।वीडियो में एक जायलो कार के बम्पर से चार युवकों को बांधकर उनकी नंगी पीठ पर अल्युमीनियम की छड़ी कोड़े की तरह बरसाई जा रही है।
शरद यादव ने यह भी सवाल उठाया कि गौ सरंक्षक संगठनों के पास इतना पैसा कहां से आता है कि वे कि वे जायलो कार में चलते हैं और उनका हौसला इतना बुलंद है कि वे कानून को अपने हाथ में ले लेते हैं, इसकी जांच कराई जानी चाहिए। इस तरह के संगठनों के कारनामे गुड़गांव सहित कई जगहों से आती रहती हैं।उना की इस घटना के विरोध में कम से कम पांच दलितों ने जहर खा लिया था और उनमें से एक की मौत हो गई थी।इस मुद्दे पर हंगामे को लेकर बुधवार को राज्यसभा कई बार स्थगित हुई थी।