हरियाणा के आबकारी एवं कराधान मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कहा है कि प्रदेश सरकार की वर्ष 2015-16 की आबकारी नीति में पूरी तरह से पारदर्शिता व जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए पहली बार ठेकों के आबंटन में ई टैण्डरिंग प्रणाली अपनाने का निर्णय लिया है। इसके अलावा डिस्टलरी से लेकर ठेके तक बोतलों की गिनती ऑनलाईन की जाएगी। कैप्टन अभिमन्यु आज हरियाणा मन्त्रिमण्डल की बैठक में प्रदेश की वर्ष 2015-16 की आबकारी नीति को स्वीकृति प्रदान करने उपरान्त एक पत्रकार सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे।एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि यह नीति एक वर्ष के लिए होगी जबकि पिछली सरकार ने वर्ष 2013-14 व 2014-15 दो वर्षों के लिए आबकारी नीति बनाई थी। उन्होंने कहा कि ठेकों की संख्या 3500 ही रहेगी। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों व शिक्षण संस्थानों के 150 मीटर के दायरे में ठेका नहीं खोला जाएगा।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि प्रदेश की 27 पंचायतों से प्राप्त उनके यहां ठेके न खोलने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। इसके अलावा मुख्यमन्त्री ने ऐसे अन्य प्राप्त प्रस्तावों पर भी समीक्षा करने को कहा है। पिछली सरकार ने केवल 9 ग्राम पंचायतों में ठेके न खोलने की स्वीकृति दी थी। उन्होंने कहा कि डिस्टलरी में सी सी टी वी कैमरे लगाए जाएंगे और उनकी रिकॉर्डिंग की मॉनीटरिंग पंचकूला मुख्यालय में की जाएगी।शराब चोरी से बिक्री के सम्बन्ध में पूछे गए एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि विभाग की कार्यप्रणाली व्यवस्था को ठीक किया जाएगा। अच्छे अधिकारियों को इन्फोर्समैंट विंग में तैनात किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शराब पीने को बढावा देकर राजस्व प्राप्त करना वर्तमान सरकार की मंशा नहीं है। पारदर्शी तरीके से कार्य करना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि राजस्व संग्रहण पिछले वर्ष की तुलना में ही होने का अनुमान है। न्यायालय के निर्देशानुसार पिछली बार राजस्व में हानि होने का अनुमान था।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि बार लाइसैंस के लिए फीस बढाई गई है जो पिछले 8 वर्षों से नहीं बढाई गई थी। पूरे प्रदेश में यह लाइसैंस फीस 6 लाख रुपये थी। अब इसे बढाकर गुडगांव के लिए 12.5 लाख रुपये प्रतिवर्ष, फरीदाबाद के लिए 10 लाख रुपये तथा अन्य शहरों के लिए 7.5 लाख रुपये प्रतिवर्ष किया गया है। उन्होंने कहा कि शराब की दरों में भी मामूली वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि डिस्टलरियों के अन्तिम उत्पादन पर एक्सपोर्ट डयूटी 1.5 प्रतिशत की गई है। इसके अलावा फिक्स्ड कोटा 25 प्रतिशत से बढाकर 40 प्रतिशत किया गया है तथा खुला कोटा 75 प्रतिशत से घटाकर 60 प्रतिशत किया गया है ताकि हर डिस्टलरी अपना कारोबार कर सके।इस अवसर पर आबकारी एवं कराधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री रोशन लाल, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, महानिदेशक डॉ० अभिलक्ष लिखी, आबकारी एवं कराधान आयुक्त श्री श्यामल मिश्रा के अलावा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।