केंद्र सरकार न्यायालयों पर निर्भरता कम करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय अभियोग नीति (एनएलपी) पेश करने जा रही है, जिसके तहत विभिन्न मंत्रालयों और विभाग पर किए गए अनावश्यक मुकदमों से बचा जा सकेगा। केंद्रीय कानून मंत्री डी.वी.सदानंद गौड़ा ने बुधवार को यह जानकारी दी। गौड़ा ने मीडियाकर्मियों से संबोधित होते हुए यहां कहा, "प्रस्तावित नीति को विभिन्न मंत्रालयों के पास उनके मंतव्य के लिए भेजा जाएगा और मिली प्रतिक्रिया के बाद हम नीति को मंत्रिमंडल के समक्ष रखेंगे।"केंद्रीय मंत्री ने इस बात की उम्मीद जाहिर की कि एनएलपी को अगले शीतकालीन सत्र में चर्चा के लिए संसद में पेश किया जा सकता है। गौड़ा ने कहा कि एनएलपी का लक्ष्य विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों को अनावश्यक मुकदमे से बचाना और मध्यस्थता व सामंजस्य के जरिए विवादों के वैकल्पिक समाधान पर ध्यान देना है। मंत्री ने कहा कि उन्होंने उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की उम्र 62 से 65 करने के मुद्दे पर भी विचार किया है।