राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए), राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन विभाग, पंजाब सरकार ने आज यहां घटना प्रतिक्रिया टीम के सदस्यों को जागरूक करने और संवेदनशील बनाने के लिए एक वर्कशाप का आयोजन किया।
यह वर्कशाप आने वाले मानसून के मौसम में किसी भी संभावित बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा संबंधित विभागों के साथ की गई बैठकों के मद्देनजर आयोजित की गई थी। यहां महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान में आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव-कम-वित्तीय कमिश्नर राजस्व श्री के.ए.पी. सिन्हा ने राज्य में बाढ़, भूकंप और नए जलवायु खतरों जैसी बड़ी आपदाओं के मद्देनजर किसी भी आपदा से निपटने के लिए एक व्यापक और मुकम्मल तालमेल वाले प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि बहुपक्षीय खतरों के जोखिम और इन अचानक आपदाओं से निपटने की क्षमता में अंतर को देखते हुए राज्य के जीवन, पशुधन, पर्यावरण और संपत्ति को बचाना और उनकी रक्षा करना सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिए विभिन्न भागीदार विभागों की क्षमता निर्माण के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है।
इस वर्कशाप के लिए संसाधन व्यक्ति घटना प्रतिक्रिया टीम के एक प्रतिष्ठित विशेषज्ञ ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) कुलदीप सिंह थे, जो (पूर्व सलाहकार और देश प्रतिनिधि (भारत), एशियाई आपदा तैयारी केंद्र, थाईलैंड, पूर्व सीनियर सलाहकार, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अथारिटी, गृह मंत्रालय भारत, पूर्व प्रमुख डायरैक्टर, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय, प्रधान मंत्री कार्यालय, भारत)थे। इस अवसर पर, उन्होंने राज्य की घटना प्रतिक्रिया प्रणाली के लिए प्रशासन के विभिन्न वर्गों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को परिभाषित करते हुए एक व्यापक रूपरेखा प्रस्तुत की।
बैठक के अंत में सचिव लोक निर्माण नीलकंठ.एस अवाड ने वर्कशाप को सफल बनाने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन अवधारणाओं को स्थानीय जरूरतों के अनुरूप ढालने, जन जागरूकता बढ़ाने और आपदा प्रतिक्रिया के लिए राज्य में उपलब्ध संसाधनों को मजबूत करने की आवश्यकता है। वर्कशाप का आयोजन एसडीएमए की और से विशेष सचिव (माल) कम डायरैक्टर आपदा प्रबंधन डा. अमरपाल सिंह ने किया।
बैठक में लोक निर्माण, पुलिस, होमगार्ड, दूरसंचार विभाग, पशुपालन, कृषि, योजना, वित्त, खाद्य नागरिक आपूर्ति, सामान्य प्रशासन, राष्ट्रीय आपदा रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) और राजस्व विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।