प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और अन्य के खिलाफ एक अदालत में आरोप पत्र (चार्जशीट) दायर किया। इसमें आरोप लगाया गया है कि जैन के पास आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति है।
अन्य आरोपियों के नाम भी चार्जशीट में शामिल किए गए हैं। अदालत ने अभियोजन की शिकायत को स्वीकार कर लिया है। अगली तारीख पर होने वाली सुनवाई के दौरान अदालत मामले पर संज्ञान ले सकती है। जैन को 30 मई, 2022 को केंद्रीय एजेंसी द्वारा पीएमएलए की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया गया था।
वह इस मामले में फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं। उनकी जमानत अर्जी पहले कोर्ट ने खारिज कर दी थी। ईडी ने 1 जुलाई को स्वास्थ्य मंत्री के दो सहयोगियों वैभव जैन और अंकुश जैन को गिरफ्तार किया था। ईडी ने जैन, उनकी पत्नी पूनम जैन और अजीत प्रसाद जैन, सुनील कुमार जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन के खिलाफ पीसी अधिनियम, 1988 की धारा 13 (2) के साथ 13 (1) (ई) के तहत 2017 में सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की थी।
सीबीआई ने 3 दिसंबर 2018 को जैन, उनकी पत्नी पूनम जैन और अन्य आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। यह आरोप लगाया गया है कि जैन ने 14 फरवरी, 2015 से 31 मई, 2017 की अवधि के दौरान दिल्ली सरकार में मंत्री के पद पर रहते हुए संपत्ति अर्जित की थी, जो उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक है।
सीबीआई ने जैन, उनकी पत्नी और अन्य आरोपियों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध करने का आरोप लगाया है। इससे पहले, ईडी ने 31 मार्च, 2022 को जैन के स्वामित्व वाली और नियंत्रित कंपनियों की 4.81 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया था।