राजस्थान के अलवर में मामला बड़ा गर्म है। यहां 300 साल पुराने एक मंदिर को बुलडोजर से तोड़ दिया गया। गुस्से से भरे लोग सड़कों पर हैं। यही नहीं मंदिर परिसर में स्थापित शिवलिंग को कटर से काटा गया। आरोप है कि मंदिर परिसर में स्थापित भगवान शिव और हनुमान की मूर्तियों के साथ साथ अन्य देवी देवताओं की मूर्तियों को खंडित किया गया है।
अब इस मामले में राजनीति भी खूब हो रही है। कांग्रेस और बीजेपी एक-दूसरे पर मंदिर तोड़ने का आरोप लगा रहे हैं। खबर ये भी है कि राजस्थान के अलवर जिले के राजगढ़ में मंदिर तोड़े जाने के मामले में कांग्रेस ने नगर पालिका चेयरमैन के खिलाफ FIR कराने का ऐलान किया है साथ ही कांग्रेस नेता भंवर जितेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि मंदिर उसी जगह पर बनवाएंगे।
इस मामले को लेकर हिंदू संगठनों में भी काफी गुस्सा है। मंदिर प्रशासन की तरफ से इलाके के एसडीएम, विधायक और नगर पालिका के खिलाफ शिकायत भी की गई है। आखिर ये किसके कहने पर किया जा रहा है। अभी तक किसी पर मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है।
आज से पहले भी ऐसा होता आया है
ऐसा पहली बार नहीं है जब राजस्थान में मंदिर परिसर को तोड़ा गया है। इससे पहले भी कई बार मंदिरों को तोड़ा जा चुका है। 18 अप्रैल से पहले गहलोत सरकार में फरवरी 2022 में भी चित्तौड़गढ़ के डूंगला उपखंड में प्राचीन शिव मंदिर को अतिक्रमण का हवाला देकर गिराया गया था। 2018 में भी जयपुर के टोंक रोड पर अतिक्रमण का हवाला देकर प्रशासन ने मंदिर तोडा।
2017 में जयपुर में मेट्रो के एक्सपेंसन ड्राइव के दौरान दो मंदिरो को तोडा गया था। 2017 में ही राजसमंद में अतिक्रमित भूमि पर स्थित एक मंदिर को हटाया गया। 2015 में जयपुर में मेट्रो ट्रैक बढ़ाने और रोड ट्रैफिक को बेहतर बनाने के लिए शहर के छोटे बडे करीब 100 मंदिरों को तोड़ा गया था। जिसके बाद लोगों में काफी नाराजगी और गुस्सा था।