असला लाइसेंस लेने के लिए बरनाला जिले के लोगों को अब पौधे लगाने होंगे, साथ ही उनकी देखभार करनी होगी और सुबूत के तौर पर तस्वीरें जिला प्रशासन को सौंपनी होंगी, जिसके बाद ही उनका असला लाइसेंस की फाईल क्लीयर होगी। पटियाला के डिवीजनल कमिश्नर चंद्र गैंद ने सोमवार को ट्री फॉर गन बरनाला में लांच कर दी है, जिसके बाद फिरोजपुर, पटियाला, संगरूर और लुधियाना के बरनाला इस अनोखी व्यवस्था वाला पांचवा जिला बन गया है। स्कीम को लांच करते वक्त डिवीजनल कमिश्नर चंद्र गैंद ने बताया कि इस स्कीम के तहत असला लाइसेंस के आवेदकों को दस व पुराना असला लाइसेंस रिन्यू करवाने वालों को पांच पौधे लगाने होंगे और पौधे लगाते हुए की तस्वीर भी साथ में अटैच करनी होगी। यही नहीं एक महीने बाद दोबारा से इन पौधों की ग्रोथ वाली तस्वीरें अटैच करनी होंगी, तभी किसी आवेदक की फाइल क्लीयर होगी। आवेदकों का डोप टेस्ट, पुलिस वेरिफिकेशन व अन्य कार्रवाई एक महीने बाद दोबारा से पौधों की तस्वीरें देखने के बाद ही करवाई जाएगी।स्कीम की लांचिंग के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि आज देश में पर्यावरण संकट एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। लगातार पेड़ों की कटाई हो रही है और भू-जल स्तर नीचे जा रहा है। पर्यावरण को बचाने के लिए उन्होंने फिरोजपुर जिले से एक छोटी सी शुरूआत की थी, जिसके तहत असला लाइसेंस के लिए दस पौधे और लाइसेंस रिन्यू करवाने के लिए पांच पौधे लगाने की शर्त लगाई गई थी।
स्कीम की कामयाबी को देखते हुए इसे पटियाला और संगरूर जिले में लांच किया गया है। अब लुधियाना जिले में स्कीम की लांचिंग की गई है। उन्होंने बताया कि जिले में अब तक 9500 असला लाइसेंस जारी हो चुके हैं। इसके अलावा हर साल करीब 200 नए असला लाइसेंस जारी होते हैं और 12 हजार से ज्यादा असला लाइसेंस रिन्यू की फाइलें दाखिल होती हैं। इस हिसाब से हर साल जिले में हजारों पौधे लगाए जा सकते हैं, जोकि बरनाला जिले के वन क्षेत्र में बढ़ोतरी की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। अगर ये योजना पूरे राज्य में लागू की जे तो हर साल 2.64 लाख पौधे लगाए जा सकते हैं और कुछ ही सालों में हरियाली के मामले में अप्रत्याशित तौर पर बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। इसी तरह देश के सभी 736 जिलों में यह स्कीम लागू की जाए तो हर साल 1 करोड़ से ज्यादा पौधारोपण हो सकता है।बरनाला के डिप्टी कमिश्नर तेज प्रताप फुल्का ने कहा कि पर्यावरण के लिए डिवीजनल कमिश्नर चंद्र गैंद की यह एक दिलचस्प व प्रशंसनीय पहल है। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस स्कीम के क्रियान्वयन को लेकर पूरी संजीदगी व गंभीरता से कार्य करें। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि इस स्कीम ने फिरोजपुर जिले को विश्व स्तर पर एक नई पहचान दिलाई थी और बरनाला में इस स्कीम को बेहद प्रभावशाली तरीके से लागू किया जाएगा।डिविजनल कमिश्नर चंद्र गेंद ने कोरोनावायरस को लेकर बरनाला में किए जा रहे कार्यों विभिन्न विकास की परियोजनाओं जल शक्ति अभियान खेती बड़ी योजनाओं का भी रिव्यू किया। इस मौके पर आईएएस वरजीत वालिया, एडीसी आदित्य देचलवाल, सहायक कमिश्नर अशोक कुमार व अन्य मौजूद थे।