वाणिज्य और उद्योग तथा नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने आज व्यापार बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में मंत्रालय के सचिव , उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी), विदेश व्यापार महानिदेशालय के (डीजीएफटी) के सचिव तथा कृषि और वित्त मंत्रालय सहित केन्द्र सरकार के कई मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी,सभी प्रमुख व्यापार और उद्योग संगठनों के प्रतिनिधि,निर्यात संवर्द्धन परिषद् और उद्योगपति भी मौजूद थे।इस अवसर पर वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने ‘कभी भी कहीं भी’ के नाम से एक ऑनलाइन निर्यात जागरूता पाठ्यक्रम का शुभारंभ किया। इसका उद्देश्य निर्यातकों और निर्यात के क्षेत्र में आने के इच्छुक लोगों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मौजूद अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रशिक्षित कर मदद पहुंचाना है। इस ऑनलाइन पाठ्यक्रम के लिए वित्तीय सहायता डीजीएफटी की निर्यात बंधु योजना के तहत दी गई है। इसमें भारतीय विदेश निर्यात संस्थान भी सहयोग कर रहा है। पाठ्यक्रम पूरा करने वालों को निर्यात-आयात प्रबंधन पर एक प्रमाणपत्र दिया जाएगा।एक अन्य ई पहल के तहत श्री प्रभु ने इस अवसर पर डीजीएफटी का एक मोबाइल ऐप भी जारी किया। इस ऐप की मदद से निर्यातक अपनी शिकायतें दर्ज करने के साथ ही विभिन्न तरह के लाइसेंसों के लिए आवेदन भी कर सकते हैं। इसके अलावा वे ऐप के जरिए व्यापार के संबंध में जारी नोटिसों, सर्कुलरों, विदेश व्यापार नीति और व्यापार प्रदर्शनियों के बारे में भी ताजा जानकारियां प्राप्त कर सकेंगे।
अपने संबोधन में वाणिज्य सचिव डॉ. अनूप वाधवन ने बैठक में उपस्थित प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए कहा कि 2008-09 में आई वैश्विक मंदी से उपजे हालात की वजह से हाल के वर्षो में भारतीय निर्यात क्षेत्र को काफी चुनौती भरे समय का सामना करना पड़ा है। हालांकि चीन के साथ ही वैश्विक निर्यात में गिरावट आने के बाद से भारतीय निर्यात की हालत 2013-14 में कुछ बेहतर हुयी। शुरूआती गिरावट से उबरने के बाद 2013-14 में भारतीय निर्यात 314.4 अरब डॉलर पर पहुंच गया। लेकिन 2013-14 के बाद वैश्विक स्तर पर आई दूसरे दौर की मंदी से इस पर फिर से दवाब बना जिसने चीन जैसे देशों को भी अपने जद में ले लिया। हालांकि इसके बाद लॉजिस्टिक सेवाओं, व्यापार सुगमता और व्यापार गतिविधियों को बेहतर बनाकर तथा डिजिटलीकरण, पारदर्शिता, जीएसटी लागू करने तथा कौशल विकास के जरिए क्षमता विकास जैसे सरकारी प्रयासों से निर्यात क्षेत्र में आई गिरावट को संभाल लिया गया है। इसका परिणाम यह रहा है कि कुछ एक महीनों को छोड़कर 2016-17 से भारतीय निर्यात लगातार तीन वर्षों से बढ़ रहा है। वर्ष 2018-19 में नई ऊंचाइयों पर पहुंच जाने की संभावना है।उन्होंने इस अवसर पर वाणिज्य विभाग द्वारा तैयार की गई निर्यात संवर्धन नीतियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। इसे निर्यात संवर्द्धन परिषद्,निर्यातकों और वित्तीय संस्थाओं तथा बड़ी संख्या में हितधारकों की सलाह से लागू किया जा रहा है।इस अवसर पर विदेश व्यापार के महानिदेशक आलोक चतुर्वेदी ने मौजूदा निर्यात परिदृश्य और सरकार की ओर से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए की गई पहलों का विस्तृत ब्यौरा दिया।