जम्मू एवं कश्मीर के अलगाववादी नेताओं ने केंद्र सरकार पर सोमवार को आरोप लगाया कि वह युवाओं को परेशान कर रही है, और उनके पास हिंसा के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है। अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी, मीरवाइज उमर फारूख और मोहम्मद यासीन मलिक की अध्यक्षता वाले संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व (जेआरएफ) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि जम्मू एवं कश्मीर की राजनीतिक स्थिति चिंताजनक है।बयान के अनुसार, "लोगों को झूठे आरोपों में फंसाकर हिरासत में लिया जा रहा है, विभिन्न जेलों में रखा जा रहा है.. युवाओं को परेशान किया जा रहा है। ऐसी अलोकतांत्रिक और अमानवीय स्थिति को ज्यादा समय तक नहीं सहा जा सकता।"बयान में आरोप लगाया गया है कि वैश्विक समुदाय की चुप्पी के कारण भारत सरकार और इसके प्रतिनिधि कश्मीर में मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहे हैं।बयान के अनुसार, "कश्मीर समस्या का हल सेना या हथियारों से कभी नहीं हो सकता। इससे जान माल का ज्यादा नुकसान होगा।"