भारत की गौरवशाली संस्कृति और विरासत के उन्नयन के लिए अपने अथक प्रयासों को जारी रखते हुए भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय पूरे विश्व को भारत की सांस्कृतिक जीवंतता से रू-ब-रू करने के लिए प्रतिबद्ध है। आज नई दिल्ली में बजट 2018-19 के साथ-साथ संस्कृति मंत्रालय की उपलब्धियों पर भी मीडिया को संबोधित करते हुए संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने आज कहा कि एक राष्ट्र के रूप में भारत की विशेष अहमियत को ध्यान में रखते हुए देश के नागरिकों विशेष रूप से युवाओं को अपनी स्वदेशी संस्कृति, देश के बहु-आयामी स्वरूप, वैभव, समृद्धि और ऐतिहासिक महत्व से पुनः जोड़ने की अविलंब आवश्यकता है।डॉ. महेश शर्मा ने यह जानकारी दी कि वर्ष 2018-19 में संस्कृति मंत्रालय के बजट आवंटन में लगभग 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्ष 2018-19 में संस्कृति मंत्रालय के बजट आवंटन में पिछले बजट (अर्थात् 2,738.47 करोड़ रुपये) की तुलना में 104 करोड़ रुपये (अर्थात् 2483 करोड़ रुपये) की वृद्धि हुई है। कुल वित्तीय आवंटन में से 974.56 करोड़ रुपये भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को आवंटित किए गए है जो वर्ष 2017-18 के आवंटन से 5.42 प्रतिशत अधिक है।संस्कृति मंत्री ने बताया कि विशेषकर युवाओं के बीच भारतीय संस्कृति को लोकप्रिय एवं बहुप्रिय बनाने के लिए संस्कृति मंत्रालय द्वारा कई कार्य किए गए हैं जैसे कि 100 आदर्श स्मारक, टिकट वाले सभी स्मारकों हेतु ई-टिकट सुविधा, भारत का सांस्कृतिक मानचित्रण, राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव, गंगा महोत्सव, 8वां थिएटर ओलंपियाड, विदेशों में फेस्टिवल ऑफ इंडिया का आयोजन, डिजिटलीकरण इत्यादि।