भारतीय राष्ट्रीय बार एसोसिएशन (आईएनबीए) ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य विभाग और व्यापार एवं निवेश कानून केन्द्र (सीटीआईएल) तथा भारतीय विदेश व्यापार संस्थान के सहयोग से हाल ही में ‘भारतीय विधि सेवा क्षेत्र में सुधारों पर बार लीडरशिप समिट’ का आयोजन किया था। इस अवसर पर मानव संसाधन विकास (उच्च शिक्षा) राज्य मंत्री श्री सत्य पाल सिंह भी उपस्थित थे। भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारीगण तथा कई जाने-माने अधिवक्ता और विधि क्षेत्र के अनेक प्रोफेशनल व्यक्ति भी इस अवसर पर मौजूद थे। उपर्युक्त शिखर सम्मेलन के दौरान भारतीय विधि सेवा क्षेत्र के उदारीकरण से जुड़े विभिन्न मुद्दों और चिंताओं पर चर्चाएं की गई। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने एक वीडियो संदेश के जरिये इस शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए वैकल्पिक विवाद समाधान (एडीआर) की बढ़ती अहमियत पर विशेष बल दिया और इसके साथ ही उन्होंने विधि क्षेत्र से जुड़े लोगों को इस व्यवस्था का अधिक उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया, ताकि कारोबार करने में और ज्यादा सुगमता या आसानी सुनिश्चित हो सके। श्री सत्य पाल सिंह ने अपने उद्घाटन संबोधन में न्याय के एक संबल के रूप में कानून के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने भारत में न्यायिक व्यवस्था की निष्पक्षता एवं तटस्थता की अहमियत पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि न्यायिक व्यवस्था के तहत विशेषकर पीड़ितों को पेश आ रही कठिनाइयों पर ध्यान दिया जाना चाहिए।