सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग ने पश्चिम बंगाल के उत्तरी पहाड़ी इलाके में अलग गोरखालैंड राज्य की मांग का समर्थन किया है। इस पर पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ने उनकी आलोचना की है। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को मंगलवार को एक पत्र में चामलिंग ने लिखा, "दार्जिलिंग की पहाड़ियों में गोरखा लोगों की संवैधानिक मांग भारतीय गोरखाओं की राष्ट्रीय पहचान से गहराई से जुड़ी हुई है और इसे पूरा करना उनकी उस देशभक्ति को लंबे समय से प्रतीक्षित न्याय प्रदान करना होगा, जो किसी से भी कम नहीं है।" इस पत्र को गुरुवार को मीडिया को उपलब्ध कराया गया।उन्होंने लिखा, "गोरखालैंड राज्य का निर्माण इस क्षेत्र की स्थाई शांति और समृद्धि को बहाल करेगा और इससे सिक्किम को बेहद लाभ होगा क्योंकि इससे उसकी विकासात्मक गति का बगैर बाधा के प्रबंधन होगा।"चामलिंग ने पिछले 30 वर्षों में गोरखालैंड आंदोलन के दौरान सिक्किम की एकमात्र जीवन रेखा राष्ट्रीय राजमार्ग 10 के बार-बार बाधित होने से उत्पन्न होने वाली समस्याओं पर भी प्रकाश डाला।
उन्होंने लिखा, "आवश्यक वस्तुओं के परिवहन में रुकावट और अशांति के कारण बेहद असुविधा होती है। इसके अलावा एनएच-10 पर अनिश्चितता का माहौल भी लोगों के जीवन के लिए बड़ा खतरा है।" उन्होंने कहा कि सिक्किम विधानसभा ने 2011 में एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें 'दार्जिलिंग हिल्स के लोगों की दिक्कतों और दीर्घकालिक समस्याओं के स्थायी समाधान' की मांग की गई थी।चामलिंग की यह टिप्पणी पश्चिम बंगाल की पहाड़ियों में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा द्वारा एक अलग गोरखालैंड राज्य की मांग के लिए अनिश्चितकालीन हड़ताल के बीच आई है।पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने चामलिंग के रुख की आलोचना करते हुए कहा कि सभी राज्य सरकारों को अपने संवैधानिक सीमाओं के भीतर काम करना चाहिए।पहाड़ी क्षेत्र की सभी प्रमुख पार्टियों आंदोलनरत गोरखालैंड जनमुक्ति मोर्चा (जीएमएम) और विपक्षी वाम मोर्चा, कांग्रेस व भाजपा ने गुरुवार को सिलीगुड़ी में राज्य सरकार प्रायोजित बैठक का बहिष्कार किया। वाम मोर्चा ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर गोरखालैंड के 'संवेदनशील मुद्दे' को कम आकंने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अनुपस्थिति में बैठक की प्रभावशीलता पर सवाल उठाया।