विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और विदेश राज्यमंत्री एम़ ज़े अकबर ने मंगलवार को नालंदा विश्वविद्यालय के शासी निकाय (गवर्निग बोर्ड) के सदस्यों के साथ बैठक की। इस बैठक में नालंदा विश्वविद्यालय की भावी योजनाओं के बारे में विचार-विमर्श किया गया। बैठक में विदेश सचिव डॉ. एस़ जयशंकर और सचिव (ईआर) अमर सिन्हा भी उपस्थित थे। बैठक में नालंदा विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति प्रोफेसर सुनैना सिंह और प्रभारी कुलपति प्रोफेसर पंकज मोहन भी उपस्थित रहे। गवर्निग बोर्ड के सदस्यों को संबोधित करते हुए, स्वराज ने कहा, "नालंदा विश्वविद्यालय की परिकल्पना भारत और पूर्वी एशिया के देशों के बीच बौद्धिक समन्वय के सेतु के रूप में की गई है।
भारत सरकार नालंदा के सतत विकास के प्रति संकल्पित है, खास कर मेरे लिए नालंदा एक ड्रीम प्रोजेक्ट है।"बैठक में नालंदा विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. विजय भटकर ने नालंदा से संबद्ध अपनी बहुत सारी योजनाओं पर प्रकाश डाला, जिससे विदेश मंत्री प्रभावित हुईं।बैठक में गवर्निग बोर्ड के सदस्य एऩ क़े सिंह, बिहार के मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मानव संसाधन विकास विभाग के सचिव केवल कुमार शर्मा, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर लोकेश चंद्र, नीति आयोग के वाइस चेयरमैन डॉ.़ अरविंद पनगढ़िया और लाओस पीडीआर के राजदूत साउथम सोकन हिन्निओम उपस्थित थे।