उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने बुधवार को कहा कि भविष्य की प्रौद्योगिकी जैसे रोबोटिक्स तथा सस्ती होती नवीकरणीय ऊर्जा भूराजनीति को नया आकार प्रदान करेगी। आर्मेनिया के येरवान स्टेट यूनिवर्सिटी में 'सम थॉट्स ऑन द वर्ल्ड ऑफ टुमॉरो' विषय पर अपने व्याख्यान में अंसारी ने कहा, "हर दो वर्षो में सौर ऊर्जा संयंत्रों की संख्या दोगुनी हो रही है और फोटोवोल्टायिक-मॉड्यूल की कीमतों में लगभग 20 फीसदी तक की गिरावट हो रही है।"उन्होंने कहा, "साल 2030 तक, सौर बिजली आज की जरूरत की ऊर्जा का 100 फीसदी प्रदान करने में सक्षम होगी और साल 2035 तक ऐसा लगता है कि यह मुफ्त हो जाएगी, जैसे आज फोन कॉल मुफ्त हो गया है।"
भू-राजनीति पर नवीन ऊर्जा के रूपों के प्रभाव पर चर्चा करते हुए अंसारी ने कहा, "जैविक-ईंधन उद्योग के खात्मे के साथ ही विकास की एक नई परिभाषा बनेगी और इसके साथ ही हाइड्रोकार्बन से समृद्ध राष्ट्रों का प्रभाव भी खत्म हो जाएगा।"उन्होंने कहा, "इसका दुनिया के कई हिस्सों में क्षेत्रीय सुरक्षा संरचना पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा।"अर्मेनिया के प्रधानमंत्री कारेन कारापेट्यान के साथ येरवान में द्विपक्षीय वार्ता के बाद भारत तथा अर्मेनिया ने तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किए।अंसारी सोमवार को अर्मेनिया की राजधानी पहुंचे। अपनी विदेश यात्रा के दूसरे तथा अंतिम पड़ाव के तहत अंसारी बुधवार को पोलैंड के लिए रवाना होंगे।